छत्तीसगढ़ के राम,प्रभु राम ने बिताये थे अपने वनवास के 11 वर्ष छत्तीसगढ़ में ,प्रभु के ननिहाल के साथ साथ लवकुश की जन्मभूमि भी है छत्तीसगढ़ देखिये वीडियो और क्या कहा श्री राकेश चतुर्वेदी जी ने खास मुलाकात में ।

भारत से लेकर दुनिया के कई देशों में श्रीराम को भगवान के रूप में पूजा जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ में श्रीराम को भगवान के साथ-साथ भांजे के रूप में भी पूजा जाता है क्योंकि मान्यता अनुसार श्री राम की माता कौशल्या की जन्म स्थली छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में स्थित है इस तरह से श्री राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ हुआ और इसीलिए छत्तीसगढ़ में श्रीराम को भांजे के रुप में भी पूजा जाता है। ये परंपरा आज भी छत्तीसगढ़ में विद्यमान है । यहां मामा पक्ष द्वारा भांजे – भांजी को पूजा जाता है।विभिन्न शोध पत्रों,अभिलेखों और मान्यता अनुसार श्री राम ने अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से अधिकांश समय, छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर व्यतीत किया , जिसके प्रमाण छत्तीसगढ़ में कोरिया से लेकर कोंटा तक आज भी विद्यमान हैं।छत्तीसगढ़ में पुरुषोत्तम तीर्थ के रूप में विख्यात शिवरीनारायण में वनवास काल के दौरान माता शबरी ने भगवान श्री राम को इसी स्थान पर जूठे बेर खिलाए थे। तुरतुरिया के महर्षि वाल्मीकि आश्रम भगवान श्री राम के दोनों पुत्र लव – कुश की जन्म स्थली है। यह भी मान्यता है कि महाकवि कालिदास ने रामगढ़ की पहाड़ी पर अपने महाकाव्य मेघदूत की रचना की थी। यह सारी बातें छत्तीसगढ़ को अद्वितीय एवं महत्वपूर्ण बनाती हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी जी ने बताया कि पर्यटन विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने इतिहासकारों से चर्चा कर विभिन्न शोध पत्रों और प्राचीन मान्यताओं के आधार पर छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ के लगभग 65 स्थलों को चिन्हित किया गया है जिसके तहत प्रथम चरण में नौ स्थलों का विकास किया जा रहा है। यह नौ स्थल है- सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया) रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण(जांजगीर – चांपा) तुरतूरिया (बलोदा बाजार) चंदखुरी (रायपुर) राजिम (गरियाबंद) सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी) जगदलपुर (बस्तर) रामाराम (सुकमा) को छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना राम वन गमन पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित करने हेतु कार्य प्रारंभ किया गया है। इस योजना का उद्देश्य राज्य में आने वाले पर्यटकों,आगंतुकों के साथ-साथ देश – विदेश के लोगों को राम वन गमन मार्ग और संबंधित स्थलों से परिचित कराना तथा उक्त ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के दौरान पर्यटकों को उच्च स्तर की सुविधाएं भी उपलब्ध कराना है।पर्यटन विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास कार्य हेतु राशि रुपए 137.45 करोड़ के कॉन्सेप्ट प्लान को माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है और इन विकास कार्यों को संबंधित विभागों के बजट एवं सामंजस्य से क्रियांवित किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। राम वन पथ में शामिल जिलों के कलेक्टर को नोडल अधिकारी के रूप में विभिन्न विभागों के सामंजस्य के साथ कार्य करने हेतु भी माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने निर्देशित किया है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ में विकास कार्यों के क्रियान्वयन के लिए टेंडर किया जा चुका है जिसके तहत शिवरीनारायण,तूरतुरीया,चंदखुरी और राजिम का डी पी आर तैयार कर लिया गया है।इसी माह के तीसरे सप्ताह से चंदखुरी में निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।राम वन गमन पर्यटन परिपथ का रूट मैप तैयार कर विकास कार्यों हेतु संबंधित विभागों को प्रेषित किया गया है।सप्तर्षि आश्रम धमतरी में विकास कार्यों के लिए नगरी को पर्यटन हब के रूप में विकसित किए जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने निर्देश दिए हैं जिसके क्रियांवयन के लिए लगभग एक एकड़ भूमि छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर धमतरी को पत्र प्रेषित किया गया है।राम वन गमन पर्यटन परिपथ में वन विभाग(कैंपा) के द्वारा वृक्षारोपण कार्य के साथ ही विभिन्न स्थानों पर बायोडायवर्सिटी पार्क का भी निर्माण किया जाएगा

सौजन्य श्री राकेश चतुर्वेदी आईएफएस pccf छत्तीसगढ़ शासन

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