धान खरीदी की घोषणा राज्य सरकार ने कल उप समिति की बैठक के बाद कर दी है जहां पक्ष और विपक्ष में लगातार क्रिया प्रतिक्रिया के तौर पर किसानों के मुद्दे को उठाया जा रहा था उस पर लगाम लगाने की कोशिश भूपेश सरकार के मंत्रियों ने की है, और छत्तीसगढ़ की धान खरीदी को एक दिसंबर 2020 से चालू करने का निर्णय सुना दिया है दिनांक की घोषणा होते ही भारतीय जनता पार्टी की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया कि केंद्र सरकार किसानों के लिए अच्छे और दूरगामी परिणाम देने वाले हैं इसका फायदा 2023 में किसानों को होगा । जनपद धरसीवा के सभापति डॉक्टर सत्य प्रकाश वर्मा से जब लेखवीर को बताया कि किसान हमारे पास लगातार आ रहे हैं क्योंकि इस बार बंपर धान का उत्पादन छत्तीसगढ़ में हुआ है किसान बहुत खुश है और उनका मानना है या कहना है कि मंडी व्यवस्था जो हम पूराने समय से करते आ रहे हैं उसको भुपेश सरकार ने जो चालू रखा है उसके भी हम भूपेश सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं लेकिन हमारी एक मांग है कि धान का टोकन जिस दिन भी कटता है उसी दिन उसको मंडी ले ले और उसके 10 दिन के भीतर समस्त भुगतान किसान के खाते में आ जाए तभी किसान की मेहनत रंग ला पाएगी, डॉक्टर साहब ने आगे बताया कि राज्य सरकार का जो किसानों के हित में निर्णय लिया गया है वह बहुत ही अच्छा है क्योंकि हम लोगों ने शुरू से ही मंडी प्रणाली को देखा है इसके लिए हम अभ्यस्त हैं और ज्यादा दूर तक ओपन फॉर ऑल का जो धान का जो मोदी जी का फैसला है वह व्यवहारिक तौर पर छत्तीसगढ़ में लागू होने में बहुत कठिनाई होगी भूपेश सरकार को केंद्र के साथ तालमेल बिठाते हुए किसानों के हित में एक पारदर्शी और ठोस कदम उठाना चाहिए।बहरहाल आगे देखने वाली बात ये होगी कि किसानों के लिए बात तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही करती है लेकिन इसका फायदा किसानों को कितना हो पाता है क्या किसानों की आय 2023 में वाकई दुगनी हो सकती है कर्ज से दबे और आत्महत्या करने के लिए विवश किसान क्या अपनी जिंदगी बेहतर तरीके से गुजार सकते हैं यह ऐसे कठिन सवाल हैं जिसका जवाब अभी मिल पाना बहुत मुश्किल है।