18 अप्रैल 2022 रायपुर छत्तीसगढ़
हम सबने देखा, सुना और भुगता भी है कि कोरोना ने विश्व की कई अर्थव्यवस्थाओं को ध्वस्त किया भारत की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरीके से प्रभावित हुई। उसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी गई मदद उनके लिए संजीवनी से कम नही है।
वर्ष 19/20 में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को लगभग 34 हजार करोड़ रूपये दिए जो राज्य की कुल आय का 53 प्रतिशत है, यानी केंद्र से मिली राशि राज्य की खुद की आय से ज्यादा रही।
वर्ष 20/21 में भी हालत कुछ ऐसे ही थे केंद्र सरकार ने राज्य को लगभग 38 हजार करोड़ रु दिए। वर्ष 21/22 में लगभग 44 हजार करोड़ और आने वाले वर्ष के लिए केंद्र से 44,573 करोड़ मिलना प्रस्तावित है।
हर वर्ष केंद्र से मिली या मिलने वाली राशि कांग्रेस शासन में राज्य की कुल आय से ज्यादा है।
इस वर्ष के केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार ने राज्यों के विकास के लिए 2 लाख 92 हजार करोड़ की राशि अलग से पूजीगत व्यय के लिए आवंटित की है, जिसमें 8 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ छत्तीसगढ़ को मिलने जा रहा है।
कांग्रेस शासन में छत्तीसगढ़ को करों की हिस्सेदारी के रूप में केवल 32 प्रतिशत राशि मिलती थी लेकिन मोदी सरकार में अब हमारे राज्य को केन्द्रीय करों का 42 प्रतिशत हिस्सा मिल रहा है। खुद लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहे मोदी ने सीधे दस प्रतिशत राज्यों का हिस्सा बढाया। शर्मनाक है कि इन सारे तथ्यों के बावजूद कांग्रेस सरकार निर्लज्जता के साथ झूठ पर झूठ परोस रही है।
केंद्र से मिलने वाली ग्रांट में प्रतिवर्ष 9 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है और पहले से छत्तीसगढ़ राज्य को केंद्र से 178 प्रतिशत राशि ज्यादा मिल रही है।
केंद्र द्वारा इतना सबकुछ देने के बाद भी राज्य का अनर्गल आरोप लगाना संघीय व्यवस्था उस अनैतिकता का चरम है, जिसके लिए कांग्रेस को हम सब जानते हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा मा. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में 3 वर्षों के बजट अनुमानों के आधार पर इस आंकड़े के गणना की गई है, इससे अधिक हास्यास्पद मूर्खता और कुछ नहीं हो सकती है। राज्य सरकारों की देनदारी या लेनदारी बजट अनुमानों के आधारों पर तय नही होती। राज्य सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी के रूप में मांगी जाने वाली 13 हजार करोड़ की राशि पूरी तरह गलत है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा केंद्र सरकार द्वारा पैसा न देने और भाजपा सांसदों पर केंद्र के सामने आवाज़ न उठाने के आरोप पर भाजपा प्रदेश सरकार से कुछ सवाल करना चाहती है :-
- कांग्रेस के सभी नेता केंद्र के पास छत्तीसगढ़ राज्य की लंबित राशि का आंकड़ा अलग-अलग क्यों बताते हैं? कोई कहता है केंद्र से 20 हजार करोड़ लेना है, कोई 24 हजार करोड़, कोई 30, कोई 35 हजार करोड़!
- अगर कथित तौर पर इतनी बड़ी राशि लंबित है, तो कांग्रेस के सांसदों ने इस विषय को कितनी बार लोकसभा और राज्य सभा में उठाया,और नही उठाया तो क्यों नही उठाया?
- राज्य सरकार द्वारा मांगी जाने वाली राशि में 13 हजार करोड़ एक्साइज ड्यूटी का लंबित बताया गया है वह किस वस्तु की एक्साइज ड्यूटी है?
भाजपा राज्य सरकार को चुनौती देती है कि राज्य सरकार केंद्र से मांगी जानी वाली राशि को या प्रमाणित करे नही तो केंद्र सरकार के बारे में मिथ्या आरोप लगाने के लिए जनता से माफी मांगे।
बजट 2022-23 में केन्द्र से छत्तीसगढ़ के लिए प्रावधान पूजीगत व्यय के लिए
छत्तीसगढ़ को पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8 हज़ार करोड़ रूपये ज्यादा मिलेंगे।