—एसपी की चिट्ठी और गृह मंत्री के बयान का हवाला देकर घेरा। कहा- आपके बाजू में जो श्री ताम्रध्वज साहू जी, खड़े हैं, उन्हीं से आप पूछ लेते कि धर्मांतरण मुद्दा है कि नहीं?—
—कहा- आप कॉंग्रेस पार्टी के अखिल भारतीय पदाधिकारी नहीं हैं, प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप मे अपना काम कीजिए, यहाँ की जनता के कल्याण के बारे मे सोचिए—
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मुख्यमंत्री के उह कहने पर की बीजेपी और आरएसएस धर्मांतरण और सांप्रदायिकता की बातें फैलाने के अलावा कुछ माही लड़की रही और उनके पास कोई मुद्दा है ही नहीं पर पूर्व वरिष्ठ आईएएस और भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गणेश शंकर मिश्रा ने तीखा पलटवार किया है।
मिश्रा ने कहा कि धर्मांतरण छत्तीसगढ़ में एक बहुत बड़ा मुद्दा हैं. सुकमा पुलिस अधीक्षक (SP) ने जुलाई वर्ष 2022 में एक पत्र अपने मातहतों को जारी किया था, जिसमें उन्होंने यह लिखा था कि ऐसे जो ईसाई (क्रिश्चियन) सम्प्रदाय के लोग हैँ, परिवर्तित सम्प्रदाय के लोग हैं, उन पर कड़ी नजर रखी जाए, क्योंकि इससे कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है. इसी प्रकार मई वर्ष 2022 में अपने एक सामाजिक सम्मेलन के दौरान प्रदेश के गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू जी ने अपने बन्धुओं से अपील किया था कि वे अपना धर्मान्तरण न करें, तो माननीय मुख्यमंत्री जी आपके बाजू में जो श्री ताम्रध्वज साहू जी, खड़े हैं, उन्हीं से आप पूछ लेते कि धर्मांतरण मुद्दा है कि नहीं? इसमे कितनी सच्चाई है.
आप तो हवाई यात्रा करते रहते हैं, पूरे भारत वर्ष में जितने भी चुनाव हो रहे हैं, उनके आप प्रभारी बनते हैं. अभी गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव हुए, उसमें भी आपने पूरी ज़िम्मेदारी अपने सिर ले ली है तो आपको तो मुद्दों की जानकारी होगी कि गुजरात में क्या मुद्दा है? उसकी जानकारी तो होगी.
छत्तीसगढ़ में बोलते हैं आप भारतीय जनता पार्टी के पास कहीं कोई मुद्दा नहीं है, सिवाय धर्मांतरण के, भई यहां तो मुद्दों की बाढ आ गई है, गोबर से लेकर कोयला तक सब काला ही काला है.
6 हजार महिलाओं का जो यहां पर रैप (बलात्कार) हो रहे हैं, 16 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना की जो राशि है, उसे आपने वापस कर दिया, लोगों के सिर के ऊपर से छत छिन लिया, ऐसे हजारों मुद्दे हैं, आप देखिए तो चुनाव के पहले क्या-क्या होता है, उसकी आप चिंता कीजिये.