रायपुर। नागरिकता कानून पर भाजपा के विफल कार्यक्रम पर तज करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा सरकार के काले नागरिकता कानून को छत्तीसगढ़ ने एकदम नकार दिया है। सीएए को लेकर भाजपा के अंदर भी छत्तीसगढ़ में बहुत ज्यादा मतभेद की स्थिति बन गयी है। नागरिकता कानून के कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय नेता, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी और भाजपा विधायक दल के नेता धरमलाल कौशिक ही पहुंचे नहीं। भारतीय जनता पार्टी के अनेक नेता इस कानून से सहमत नहीं है और सीएए के समर्थन में आयोजित कार्यक्रम में अनुपस्थित रहकर भाजपा के अनेक नेताओं ने अपनी असहमति दर्ज करायी है।
काले नागरिकता कानून को समर्थन देने से छत्तीसगढ़ में भाजपा के ही नेताओं, कार्यकर्ताओं और मतदाताओं ने इंकार किया। छत्तीसगढ़ में भाजपा के 56 लाख सदस्य है लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के 47 लाख 1 हजार 5 सौ 30 वोट ही मिले थे। सभी सदस्यों ने भी नहीं दिया था भाजपा को वोट। नागरिकता कानून के समर्थन में भाजपा के सिर्फ 5500 कार्यकर्ताओं ने ही मिस्ड काल किया जो भाजपा की कुल सदस्य संख्या का 0.1 प्रतिशत भी नहीं है। नागरिकता के काले कानून के समर्थन में धरना स्थल में आयोजित की गयी भाजपा की विशाल सभा में 550 लोग भी नहीं पहुंचे जो भाजपा की छत्तीसगढ़ में सदस्य संख्या का 0.01 प्रतिशत भी नहीं है। यह तो नागरिकता कानून और भाजपा की छत्तीसगढ़ में हालत है।
भाजपा नागरिकता कानून के द्वारा धर्म से धर्म को लड़ाना चाहती हैं लेकिन छत्तीसगढ़ में कभी भी अशांति फैलाने वाली राजनीति को प्रश्रय नहीं दिया गया। भाजपा के बड़े नेता पदों के बंदरबांट में लगे है और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर रहे हैं। भाजपा अपने ही कार्यकर्ताओं को अपमानित कर रही हैं, चुनाव दर चुनाव हार रही हैं और हार की जिम्मेदारी भाजपा कार्यकर्ताओं के सिर पर ठोकते जा रही हैं। भाजपा दंतेवाड़ा विधानसभा उप चुनाव में हारी, चित्रकोट विधानसभा उप चुनाव हारी, नगरीय निकाय चुनाव में दस के दस नगर निगम हारी, पंचायत चुनाव में भी भाजपा की स्थिति बहुत खराब है। इस लगातार हार और आपसी मतभेद में सीएए में नागरिकता कानून ने करेला ऊपर से नीम चढ़ा की स्थिति उत्पन्न की है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के द्वारा उठाये गये पांच सवालों में एक का भी जवाब भाजपा नहीं दे पायी। कांग्रेस द्वारा उठाये गये मुद्दों पर बात करने से भाजपा के नेता कन्नी काटते नजर आये। सीएए का नागरिकता का काला कानून धर्म के आधार पर देश के आधार पर, क्षेत्र के आधार पर भेदभाव करने वाला कानून है।
बाबा साहेब अंबेडकर के बनाये हुये भारत संविधान में स्पष्ट लिखा है कि धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा। दरअसल भारतीय जनता पार्टी और संघ के लोग आजादी की लड़ाई के दिनों से हिंदू और मुसलमानों की अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की नीति में सहयोग करते रहे हैं और उसी नीति पर आरएसएस और भाजपा को अभी तक अमल कर रही है। भाजपा तो एनआरसी के लिये नोटबंदी की तरह पूरे देश को लाइन में खड़ा करवाना चाहती हैं।