पीयूष मिश्रा
रायपुर छत्तीसगढ़ बिल्डर्स ऑफ इंडिया की एक दिवसीय बैठक शनिवार को संपन्न हुई। छत्तीसगढ़ संघ के पदाधिकारियों और सदस्यों ने एकमत होकर कहा कि छत्तीसगढ़ की मदर संस्था लोकनिर्माण विभाग है। इसमें शुरू से ही उपयोग की जाने वाली खनिज की रॉयल्टी का सरकारी दर से लोक निर्माण विभाग कटौती कर विभाग में देती है। निर्माणकर्ता एजेंसी/ ठेकेदार निर्माण सामग्री को बाजार से खरीदता है । साथ ही उसका परिवहन अपने कार्यस्थल तक करवाता है इसलिए उसकी रॉयल्टी की जवाबदारी नहीं होती है। बावजूद इसके निर्माण कार्य में उपयोग की गई सामग्री की मात्रा का देकर के बिल से सरकारी मूल्य पर कटौती करने की जगह 5 गुना काटने का प्रावधान करती है जो अनुबंध के विपरीत है। साथ ही 5 गुना बाजार भाव का रेट लगाती है जो कि तथ्य संगत नहीं है। इतना ही नहीं इसके कारण काफी विसंगतियां पैदा हो गई हैं। ठेकेदार बर्बादी के कगार पर हैं।