आज संपूर्ण भारत में लगभग 60% गरीब असहाय निःशक्त लोग अपने परिवार के भरण पोषण करने के लिए संघर्ष करता आ रहा है जिनकी गरीबी और लाचारी को दूर करने के लिए कोई अपना सहयोग नही देता। ऐसे लोग शहर और गांव के चौक चौराहों बस स्टैंड व अंग्रेजी शराब की दुकानों के समीप चना मुर्रा का ठेला लगाकर या फिर किसी साहूकार के यहां मजदूरी कर जीवकोपार्जन करने को लाचार हैं। लेकिन ऐसे लोगों का जीवन हमेशा से संघर्षपूर्ण रहा है कुछ साहूकार और दबंग लोगों के दबंगई का शिकार हमेशा से होते आ रहे हैं। लोग अपना वर्चस्व जमाने के लिए एसे लोगों के उपर अपना धौस जमाते आ रहे हैं जो आज भी जारी है।
मामला बलरामपुर जिले के राजपुर का है जहां इस प्रकार के जीवन यापन करने वाले लोग अपना और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए पूर्ण रूप से राजपुर बस स्टैंड पर आश्रित हैं क्योंकि राजपुर में ना ही किसी प्रकार का कारखाना है और ना ही किसी प्रकार का उद्योग है जिससे लोगों को अपना जीवन यापन करने के लिए बस स्टैंड में ठेला टप्पर लगा कर या किसी साहूकार के यहां मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने को लाचार हैं। लेकिन ऐसे लोगों का जिवन हमेशा से ही कांटो भरा होता है।राजपुर राष्ट्रीय मार्ग 343 के ऊपर बसा हुआ है और लगभग सभी बड़ी प्रतिष्ठाने इस सड़क के किनारे संचालित हैं हम आपको बता दें की लगभग सभी प्रतिष्ठानों के द्वारा दुकान के बाहर सड़कों पर विक्रय सामग्री फैलाकर दुकान लगाया जाता है जिससे लगातार बड़ा सड़क हादसा होने का संभावना बना रहता है जिसे शासन प्रशासन की ओर से अतिक्रमण का नाम दिया जाता है,जिस पर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन शासन प्रशासन भी उन बड़े पूंजीपति और दबंग लोगों का साथ देती है और कार्रवाई के नाम पर लगातार तीन बार से राजपुर बस स्टैंड में अतिक्रमण का गाज गिराया जा चुका है।
राजपुर के बस स्टैंड में अधिकांश गरीब व मध्यमवर्ग के लोग छोटे-मोटे दुकान करके अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। शहर के बड़े पूंजीपति व्यापारी और दबंग लोगों के प्रतिष्ठानों पर अतिक्रमण की कार्यवाही न हो इसके लिए सरकारी अमलों पर दबाव बनाकर व गलत शिकायत से लगातार तीन बार राजपुर बस स्टैंड में अतिक्रमण की कार्रवाई कराई गयी है जिससे गरीब व मध्यम वर्ग के दूकानदारों को क्षत-विक्षत कर दिया गया है जिससे उनका जीना दूभर हो चुका है। एक बार फिर से दवंगों के गलत शिकायत से राजपुर के बस स्टैंड में अपना रोजी-रोटी चला रहे हैं दुकानदार के उपर अतिक्रमण रुपी खतरा मंडरा रहा है।
बस स्टैंड का जायजा लेते अधिकारों
गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए राजपुर नगरपंचायत के सार्थक प्रयास के द्वारा शासकीय मद से दुकान बनाकर आवंटित किया गया है जिससे कई गरीब परिवार अपना जीवन स्तर बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। नगर पंचायत राजपुर के द्वारा कई दूकानों को आरक्षण के आधार पर भी आवंटित की गई है जैसे की विधवा कोटा,विकलांग कोटा आदि सामिल हैं।अगर कोई विधवा या विकलांग व्यक्ति नगर पंचायत द्वारा आरक्षित दुकान को लेकर चलाने में सक्षम नहीं है और अपनी दुकान किसी जरूरतमंद व्यक्ति को किराए में देखकर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहा है तो उसमें उस व्यक्ति की क्या गलती है,लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति हैं जो ऐसे बेसहारा और निशहाय लोगों को परेशान करने के लिए हमेशा प्रेरित रहते हैं।ऐसा ही मामला राजपुर एसडीएम आर एस लाल के समक्ष भी पेश किया गया जहां किसी दबंग और प्रतिष्ठित व्यक्ति के द्वारा शिकायत किया गया है कि आरक्षित कोटे का दुरुपयोग कर दुकान दबंगों के द्वारा कब्जा कर लिया गया है और दबंग तरीके से दुकान संचालित किया जा रहा है जिसकी जांच में आज एक बार फिर राजपुर एसडीएम ने दुकानों का निरीक्षण कर संबंधित दुकानदारों को नोटिस जारी करा कर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया है।इस कार्यवाही से एकबार फिर बस स्टैंड के गरीब व मध्यम वर्ग के व्यवसायी भयभीत हैं वहीं राजपुर सड़क के किनारे संचालित हो रहे बड़े दूकानदार आश्वस्त नजर आ रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर राजपुर बस स्टैंड के लोगों को कब तक टारगेट बनाया जाएगा और कार्यवाही के नाम पर गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों को परेशान किया जाएगा।
बलरामपुर के गरीब और संघर्ष रत व्यवसाइयों को किया जा रहा है प्रशासन के द्वारा परेशान, लोगों ने लगाया भेदभाव का आरोप
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