तस्वीर भारत को भारत में निर्मित पहला कोरोना वायरस टेस्टिंग किट देने वालीं वायरोलॉजिस्ट मीनल दखावे भोंसले की हैं।मीनल पुणे की मायलैब डिस्कवरी की रिसर्च और डेवलपमेंट प्रमुख हैं। उन्होंने बेहद विषय परिस्थितियों में ‘पाथो डिटेक्ट’ टेस्ट किट बनाया है जो कोरोना वायरस संक्रमण की जाँच महज़ ढाई घंटे में कर लेती है।मीनल को जब यह जिम्मेदारी दी गईं तो वह गर्भावस्था के आखिरी महीने में थीं और डेडलाइन का सामना कर रही थीं।उन्होंने अपनी बच्ची को जन्म 19 मार्च को दिया,जबकि इसके ठीक एक दिन पहले ही उन्होंने टेस्ट किट ‘पाथो डिटेक्ट’ को परीक्षण के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी को सौंपा।किट को आईसीएमआर(इंडियन कौंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च) ने 100 फीसद सही ठहराया है।यह किट विदेशी किट की अपेक्षा काफी सस्ता है और जाँच भी सिर्फ ढाई घंटे में कर लेती हैं।भारत से कोरोना को भगाने की लड़ाई में मीनल का योगदान सबसे बड़ा होगा। उनके साथ 10 वैज्ञानिकों की टीम ने दिन रात काम किया।ऐसी किट को तैयार करने में अमूमन तीन से चार महीने का वक़्त लगता है लेकिन इस टीम ने छह सप्ताह के रिकॉर्ड समय में इसे तैयार कर दिया। किट की सप्लाई भारत में शुरू हो गई है।अगले सप्ताह एक लाख किट बनकर और तैयार हो जायेगी।मीनल कहती हैं मेरे सामने विपरीत परिस्थिति थी पर मुझे देश की सेवा भी करनी है।
(गीता पांडेय,बीबीसी से संपादित अंश)