बिलासपुर छत्तीसगढ़//मनीष शरण
0 दो दर्जन से ज्यादा मजदूर निकले पैदल।
0 रायपुर बिरगांव से बलरामपुर तक का है सफर।
0 गरीबी, भूख और मुफलिसी है कारण..!
0 बिलासपुर में मजदूरों को नहीं मिली कोई मदद।
0 रायपुर से बिलासपुर पहुंचे पैदल।
0 देर रात जिला प्रशासन ने नहीं ली सुध।
0 पुलिस जवानों ने दिया मास्क और पिलाया पानी।
… दिल्ली और उत्तर प्रदेश के तर्ज पर अब बिलासपुर छत्तीसगढ़ में भी मजदूरों को पैदल सफर करना पड़ रहा है। इतना ही नही, जान हथेली में लेकर अपने घरों को निकले मजदूरों की मदद करने के लिए कोई भी सामने नहीं आया है। इन्होंने रायपुर से बिलासपुर और अब बिलासपुर से बलरामपुर तक का सफर पैदल ही करने का निर्णय लिया है। आपके टीवी स्क्रीन पर दिख रहे ये लोग रायपुर बिरगांव के एक फैक्ट्री में कामगार मजदूर हैं। लेकिन लॉक डाउन के कारण कामकाज बंद हो गया है और अब इनके पास जीविकोपार्जन का कोई और साधन नहीं है। गरीबी, भूख और मुफलिसी से परेशान इन मजदूर कुछ दिन इंतजार करते रहे कि, कोई मदद मिलेगी..! लेकिन ऐसा हुआ नही। मदद मिलने की उम्मीद नहीं बचने के बाद आखिरकार इन्होंने पैदल ही निकलने का फैसला लिया। बीती रात रायपुर से पैदल चलते-चलते देर रात बिलासपुर पहुंचे।। उन्हें उम्मीद थी कि बिलासपुर में इन्हे जरूर कोई ना कोई मदद मिल जाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं । देर रात जिला प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की। हालांकि बिलासपुर के नेहरू चौक में इन्हें रोक लिया गया। पुलिस ने पूछताछ की तो मजदूरों ने साफ-साफ बताया कि वे पैदल बिरगांव से बिलासपुर तक आ पहुंचे हैं। और उन्हें उम्मीद है कि यह उनकी कोई न कोई मदद करेगा। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। लेकिन पुलिस वालों ने उन्हे पानी पिलाया और चेहरे पर पहनने के लिए मास्क भी दिया। और इस तरह से रात को ही उन्हें चलता कर दिया गया। हालांकि इस बीच कुछ भले पुलिस अधिकारियों ने उन्हें सलाह दी कि वे बिलासपुर में रुक सकते हैं । अगर चाहे तो यहां रुककर इंतजार करें..!? और प्रशासन जरूर उनकी मदद करने के लिए कोई ना कोई विकल्प ढूंढ निकालेगा। लेकिन मजदूरों को अपने घर जाने की और अपने लोगों से मिलने की इतनी ज्यादा तलब थी कि, उन्होंने पैदल चलना ही ठीक समझा। और बिलासपुर से बलरामपुर के लिये पैदल ही निकल पड़े।