जलसंसाधन विभाग बना धनसंसाधन विभाग,,बलरामपुर जिले में एक ही काम के लिए बगैर टेंडर जारी किये 2 बार निकाली गई राशि,शासन को लाखों की चपत

रोबित गुप्ता बलरामपुर

जलसंसाधन संभाग क्रमांक 02 अंतर्गत चाकी जलाशय की सलुस गेट वर्तमान में हो रहे मरम्मत कार्य के लिए कार्यस्थल पर लगे बोर्ड भी फर्जी है, जिसकी जानकारी विभाग के एसडीओ ने दी है।
गौरतलब है कि जलसंसाधन संभाग क्रमांक 02 अंतर्गत चाकी जलाशय में सलुस गेट निर्माण के नाम पर पिछले वर्ष ठेकेदार को विभाग के द्वारा 20 लाख रु का भुगतान किया गया था जबकि सलुस गेट का निर्माण नहीं हुआ था, मामला जब प्रकाश में आया तो जलसंसाधन विभाग हरकत में आई और चाकी जलाशय की सलुस गेट में मरम्मत के लिए 7.29 लाख एवं 9.13 लाख दो भागों में मरम्मत कराए जाने का एक बोर्ड लगाकर तीव्र गति से निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया गया, ताकि पिछले वर्ष भुगतान किए गए 20 लाख रु को आसानी से चपत लगाया जा सके, अब आप सोच रहे होंगे कि जब पिछले वर्ष 20 लाख रु की लागत से निर्माण हुई थी तो एक वर्ष के अंतराल में 17 लाख की लागत से मरम्मत की क्या आवश्यकता थी, दरअसल निर्माण के लिए पिछले वर्ष जो 20 लाख रु आहरण हुई वह बंदरबांट हो गया उसी राशि को हजम करने के लिए मरम्मत के नाम पर पुनः 17 लाख रु स्विकृत कर नए सिरे से निर्माण कार्य को प्रारम्भ किया गया है इस प्रकार एक ही काम के लिए राशि दो बार आहरित हुई परन्तु कार्य सिर्फ एक बार हो रही है जो भ्रस्टाचार की सारी हदें पार कर चुकी है।
इस संबंध में जलसंसाधन संभाग क्रमांक 02 के एसडीओ संजय कुमार ग्रायकर से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि कार्यस्थल पर लगे बोर्ड में जो मरम्मत लिखी गई है वह पेंटर की गलती है वह मरम्मत नहीं बल्कि नवीन निर्माण है।


बोर्ड में नहीं है किसी ठेकेदार का नाम..

एसडीओ संजय कुमार ग्रायकर के अनुसार यदि वह मरम्मत नहीं बल्कि नवीन निर्माण है तो फिर पिछले वर्ष जिस ठेकेदार को 20 लाख रु भुगतान किया गया था उस ठेकेदार का नाम बोर्ड में कहीं भी लिखा क्यों नहीं गया ये समझ से परे है, ग्रामीणों ने पुनः आरोप लगाया कि जिस ठेकेदार को 20 लाख रु भुगतान किया गया है उन्हें बगैर टेंडर के कार्य सौंपकर राशि प्रदान कर व्यक्तिगत लाभ पहुंचाया गया है जो नियमविरुद्ध है ग्रामीणों ने कहा कि विभाग के मुख्य अभियंता से इसकी शिकायत कर जांच की मांग की जाएगी।

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