कवर्धा विजय धृतलहरे
विगत चार दिनों से – धान खरीदी की मांगों को लेकर अन्नदाता किसान कलेक्ट्रेट कार्यालय के गेट पर – खुले आसमान के नीचे विगत 4 दिन और रात से अपनी पीड़ा बताने नगाड़ा बजाते हुए बैठे है
4 दिन और रात खुले आसमान के नीचे रहकर अपने खून पसीने से तैयार किए फसल को बेचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं!
प्रशासन के अधिकारियों ने 4 महीने पूर्व गांव-गांव घूमकर धान का पंजीयन किया था पंजीयन उपरांत किसानो को धान लाने टोकन भी जारी कर दिया लेकिन उक्त धान की खरीदी नहीं कर रहे हैं
*सोसायटीओं में 15 – 20 दिनों से ट्रैक्टर में धान रखा खड़ा है किराया भाड़ा का दाम बढ़ रहा है लेकिन प्रशासन खरीदी बंद कर चैन से सो रहा है!
*शासन खरीदी हेतु बारदाना उपलब्ध नहीं होने का बहाना कर रहै है जबकि किसान स्वंय अपनी बारदाना पर धान तौलई हेतु तैयार है उसके बाद भी नहीं खरीद रहे हैं*
शासन प्रशासन मंत्री विधायक के पास समय नहीं है अपने ही किसान का समस्या को सुन ले