लक्ष्य निर्धारित कर विभागीय समन्वय से योजनाओं का क्रियान्वयन करने मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

लक्ष्य निर्धारित कर विभागीय समन्वय से योजनाओं का क्रियान्वयन करने मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

मुख्य सचिव ने की विभागीय योजनाओं की समीक्षा

योजनाओं की प्रगति जानने माइलस्टोन निर्धारित करने के निर्देश

रायपुर /मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज मंत्रालय महानदी भवन में समस्त विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विशेष सचिव (स्वतंत्र प्रभार) स्तर के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में मुख्य रूप से राज्य शासन की प्राथमिकताओं वाले कार्यो और उनके क्रियान्वयन के लिए राजस्व की प्राप्ति के संबंध में चर्चा की गयी। बैठक में विभागीय सचिवों ने योजनाओं की प्रगति के संबंध में जानकारी दी। श्री जैन ने कहा कि शासन के सभी विभागों में संचालित किए जा रहे योजनाओं के क्रियान्वयन की सफलता के लिए मापदण्ड निर्धारित किए जाएं और इन्ही के आधार पर योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को मिले इसके लिए एक जैसे कार्यप्रणाली वाले विभाग आपसी समन्वय करके कार्ययोजना बनाए और उनका प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों का चिन्हांकन किया जाए। उनसे बातचीत की जाए और योजना के क्रियान्वयन में आने वाले बाधाओं को दूर किया जाए। उन्होंने कहा है कि राज्य में उपलब्ध संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं से लगे अन्य राज्यों के अच्छे और सफल कार्यो को जानने समझने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का दल बनाने और छत्तीसगढ़ के परिवेश में उन योजनाओं-कार्यो का क्रियान्वयन करने के निर्देश भी उन्होंने दिए है। श्री जैन ने योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए माईल स्टोन सुनिश्चित करने और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए विभागों को 20 दिन का समय दिया है। भारत सरकार के विभिन्न विभागों को छत्तीसगढ़ राज्य के लिए जरूरी व्यवस्थाओं के संबंध में पत्र लिखे गए है। उनके संबंध में केन्द्रीय विभागों से लगातार सम्पर्क बनाए रखने के निर्देश श्री जैन ने विभागीय अधिकारियों को दिए है।
अमिताभ जैन ने राज्य में औद्योगिक उत्पादनों की शुरूवात के लिए विभिन्न विभागों और निवेशकों द्वारा किए गए कुल 84 अनुबंधों की समीक्षा करते हुए कहा है कि जमीनी स्तर पर इन अनुबंधों के क्रियान्वयन के लिए वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाए और उत्पादन की दिशा में प्रगति लायी जाए। उन्होंने बताया कि गन्ने से एथेनाॅल बनाने के लिए एक और धान से एथनाॅल बनाने के पांच अनुबंध किए गए है। उत्पादन शुरू करने के लिए जरूरी कार्यवाही करने के निर्देश श्री जैन ने दिए है। उन्होंने कहा है कि गोठानों को मल्टीएक्टीविटी सेंटर के रूप में विकसित किए जाए। यहां स्व सहायता समूहों के माध्यम से उन्हीं सामग्रियों का निर्माण कराया जाए जिनके लिए पूर्व से ही बाजार उपलब्ध हो। श्री जैन ने स्थानीय स्तर पर होने वाले लघु वनोपज-सब्जी-कंदमूल आदि का सही और गुणवत्तापूर्ण तरीके से प्रसंस्करण करने और विपणन के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है।
जैन राज्य के राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए वन विभाग, खनिज विभाग, परिवहन विभाग, ऊर्जा विभाग, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग सहित अन्य विभागों को निर्देशित किया है कि विभागों के द्वारा राजस्व प्राप्ति वाले योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने शासकीय अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को प्रारंभ करने के लिए सभी जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। बैठक में नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी, गोठानों का रख-रखाव और उससे ग्रामवासियों को हो रहे लाभ, घुरवा में कम्पोस्ट का निर्माण, बाड़ी से किसानों को हो रहे लाभ, गोबर खरीदी, नदियों के पुनर्जीवन, संस्कृति का संरक्षण संवर्धन, सिंचाई संसाधनों में वृद्धि, सड़कों का निर्माण, जल-जीवन मिशन, जल कर की वसूली, हाट बाजार क्लिनिक, वनाधिकार पट्टों का वितरण, शहरी विकास योजनाएं सहित अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी ली और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए मार्गदर्शन दिया।

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