प्रमुख सचिव शिक्षा डॉक्टर आलोक शुक्ला की मेहनत रंग लाई छत्तीसगढ़ के पढ़ई तुंहर दुआर को मिला ई-गवर्नेंस अवार्ड मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री ने दी बधाई

रायपुर, 13 फरवरी 2021/ कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते स्कूली बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन शिक्षण सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित ’पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम को न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया बल्कि इस अभिनव कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर ई-गवर्नेंस अवार्ड भी मिला है। यह अवार्ड आज उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क, पंजीयन श्री रविन्द्र जायसवाल के हाथों प्रदान किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से संचालक लोक शिक्षण एवं प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री जितेन्द्र शुक्ला, सहायक संचालक समग्र शिक्षा डॉ. एम. सुधीश और एन.आई.सी. की वैज्ञानिक श्रीमती ललिता वर्मा ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। छत्तीसगढ शासन स्कूल शिक्षा विभाग की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला और पूरी टीम को बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस पुरस्कार को छत्तीसगढ़ के सभी सक्रिय शिक्षकों को समर्पित किया है जिन्होंने एक उत्कृष्ट कोरोना वारियर के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा यह अवार्ड केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे विभिन्न नवाचारी प्रयासों की पहचान कर बेस्ट प्रैक्टिसेस को महत्व देते हुए उन्हें और विस्तारित करने के उद्देश्य से दस्तावेजीकरण कर दिया जाता है। अवार्ड के लिए चयन होने से पूर्व विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम का गहन मूल्यांकन करते हुए क्षेत्र में कार्यक्रम के प्रभाविता की स्थिति देखी जाती है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा “पढई तुंहर दुआर” कार्यक्रम का शुभारंभ 7 अप्रैल 2020 को किया गया। छत्तीसगढ़ में 20 मार्च लॉक डाउन शुरू होते ही इसकी रूपरेखा प्रमुख सचिव डॉक्टर आलोक शुक्ला मैं करनी शुरू कर दी थी इस कार्य्रकम को स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने कोविड लॉकडाउन के दौरान कार्यालयों के बंद होने की स्थिति में अपने निवास पर एन.आई.सी. और विभाग की टीम के साथ बहुत ही कम लागत में बिना किसी बाहरी एजेंसी की सहायता लिए पूरी तरह विभागीय संसाधनों से तैयार किया।

’ वर्तमान में वेबसाईट में 25.97 लाख विद्यार्थी एवं 2.07 लाख शिक्षक जुड़े हुए हैं।

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