मोदी जी अपने नाकामियों को छुपाने के लिये दूसरे पर दोषारोपण बंद करे
जनता जान गई है कि केन्द्र सरकार का अर्थशास्त्र पूरी तरह फेल है
रायपुर/19 फरवरी 2020। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर केन्द्र सरकार को घेरते हुए कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि कब तक रोना रोते रहोगे ये पूर्व सरकार ने ऐसा किया, वैसा किया, ये पब्लिक है सब जानती है। आपने क्या किया ये बताइये और आपके गलत रणनीति के कारण आज देश बर्बाद हो रहा है मोदी जी अपनी कमियों को छुपाने के लिये दूसरे पर दोषारोपण बंद करें। कांग्रेस के राज में जब तेल के दाम बढ़ते थे तो भाजपा ने खूब हल्ला मचाया लेकिन अब जब मोदी राज में तेल के दाम आसमान छू रहे हैं तो भाजपा के पास कोई जवाब नहीं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने भाजपा की सरकार को जन विरोधी बताते हुए कहा कि ऐसे हालात में भी हर रोज डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाकर जनता पर बोझ डाला जा रहा है। मुनाफाखोरी जबरन वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों के अंदर 10 बार पेट्रोल और डीजल के दाम पूरे देशभर में बढ़ रहे हैं। पेट्रोल और डीजल ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक जरूरतों के चीजों पर इसका असर देखा जा सकता है। गुरुवार को पेट्रोल में 22 पैसे तो वहीं डीजल में 24 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इसी के साथ पेट्रोल 88.28 रुपए और डीजल 86.85 रुपए प्रति लीटर हो गया है।
2008 में मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों के बावजूद सस्ता पेट्रोल-डीजल मुहैया करा रही थी। उस वक्त की सरकार घाटा झेल रही थी ताकि लोगों को सस्ता पेट्रोल-डीजल मिले। लेकिन मौजूदा सरकार पेट्रोल-डीजल पर घाटा उठाने को तैयार नहीं है। जिस वजह से पेट्रोल-डीजल के रेट हाई हैं।
केन्द्र में तानाशाही का सरकार है। लोगों का गुजर-बसर मुश्किल हो रहा हो, तब किसी भी सरकार को लोगों पर भारी कर लगाने का कोई अधिकार नहीं है। सस्ता पेट्रोल और डीजल के वायदे कर सत्ता पर काबिज हुई। मोदी सरकार यदि पिछले सात वर्षों के दौरान अपने बढ़ाए उत्पाद शुल्क को ही वापस ले ले तो पेट्रोल और डीजल दोनों तुरंत 50 रुपये प्रति लीटर से नीचे आ जाएंगे। विपदा के वक्त पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर लूटना ‘आर्थिक देशद्रोह’ है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि 26 मई 2014 को जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता संभाली थी तब से प्रतिदिन महंगाई आसमान छू रही है। फ़रवरी 2015 में दिल्ली चुनावों से पहले पीएम मोदी ने एक रैली में कहा था, “अगर नसीब के कारण पेट्रोल-डीज़ल के दाम कम होते हैं तो बदनसीब को लाने की ज़रूरत क्या है?“ मोदी जी आपके तो दोनों हाथों में मलाई है, बदनसीब तो देश की जनता है जिधर देखो उधर महंगाई ने हाहाकार मचा रखा है।
स्मृति इरानी ने भी 2011 में एक ट्वीट किया था
इस ट्वीट में स्मृति ने लिखा था, “पेट्रोल की कीमतों में एक बार फिर वृद्धि। यूपीए सरकार लोगों की तकलीफों को नज़रअंदाज़ करती है। सत्ता की हेकड़ी है।“ स्मृति ईरानी जी आपके सरकार में तो महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये अब आपकी बोलती बंद क्यों हो गई? ईरानी जी को शायद शब्द नहीं मिल रहा होगा तो ट्विटर में लिखना “तेल मे लगी हुई है आग, भाग मोदी भाग।
प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि महंगाई पर चिल्लाने वाले भाजपा नेत्रियो को खुली चुनौती है कि वो बाहर मंच पर आकर बात करें। महिलाओं के सवाल का जवाब दें जनता जानना चाहती है कि अच्छे दिन कैसे होते है?