मुख्यमंत्री ने डोंगरगढ़ के लाल बहादुर नगर में लोक मड़ई एवं कृषि मेला का किया शुभारंभ,,लोक मड़ई है छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण लोक परंपरा: मुख्यमंत्री बघेल

मुख्यमंत्री ने लाल बहादुर नगर के हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन निर्माण की घोषणा की

रायपुर, 28 फरवरी 2021/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम लाल बहादुर नगर में दीप प्रज्वलित कर लोक मड़ई एवं कृषि मेला का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि लोक मड़ई छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण लोक परंपरा है। यहां फसल आने के पहले और फसल आने के बाद मड़ई का आयोजन किया जाता है। यह हमारे रहन-सहन, खान-पान एवं जीवनशैली का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज यहां आयोजित लोक मड़ई एवं कृषि मेला में राम वन गमन पथ के साथ अच्छी प्रदर्शनी लगाई गई है। छत्तीसगढ़ में हरेली, तीजा, विश्व आदिवासी दिवस, मां कर्मा जयंती के पर्व पर भी अवकाश दिया जा रहा है। हमने अपनी छत्तीसगढ़ी संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने का कार्य किया है। मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए गोड़ी, भतरी, कुडुख में बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने इस अवसर पर लाल बहादुर नगर के हायर सेकेण्डरी स्कूल के भवन निर्माण की घोषणा की। 
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। कुपोषण एवं अशिक्षा को दूर करने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किए जा रहे है। लाख को खेती का दर्जा प्रदान किया गया है, वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज की खरीदी की जा रही है। इस वर्ष 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन रिकार्ड धान की खरीदी की गई है। जिसमें किसानों को 17 हजार 322 करोड़ का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के समय जब लॉकडाऊन की स्थिति थी, ऐसे संकट के समय में किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राशि प्रदान की गई। इस योजना के तहत किसानों को तीन किश्त की राशि दे दी गई है और चौथे किश्त की राशि 31 मार्च के पहले दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए अनेक योजनाएं शासन द्वारा संचालित की जा रही है। 
 छत्तीसगढ़ी गांव की संस्कृति की विशिष्ट पहचान है । छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत की धाक अन्य राज्यों तक है। शासन द्वारा पिछले वर्ष आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया था। जिसमें देश-दुनिया के कलाकारों ने एक ही मंच पर प्रस्तुति दी। सबको जोड़ने की ताकत केवल संस्कृति में है 

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