ब्यूरो ,24-09-21 केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ महीने से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है. इसी दिन किसान आंदोलन के 300 दिन पूरे हो रहे हैं. इस बीच देश के बैंक यूनियन ने इस बंद को समर्थन देने की बात कही है. अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) ने सरकार से संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों पर उसके साथ फिर से बातचीत शुरू करने और तीन विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने का अनुरोध किया है. किसान संगठनों ने भारत बंद के फैसले से पीछे हटने से इनकार कर दिया है.
इस महीने की शुरुआत में जारी एनएसएस भूमि और परिवारों के पास पशुधन और कृषि परिवारों की स्थिति आकलन, 2018-19 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, संघ ने कहा कि ऐसा लगता है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का सरकार का लक्ष्य, दूर का सपना लगता है. प्रति कृषि परिवार का औसत बकाया ऋण वर्ष 2018 में बढ़कर 74,121 रुपये हो गया, जो वर्ष 2013 में 47,000 रुपये था. कृषि परिवारों का बढ़ता कर्ज, गहराते कृषि संकट को दर्शाता है.