भारतीय घरों में बच्चों की पेट सम्बंधित समस्याओं को घरेलू नुस्खों से दूर करने का प्रयास किया जाता है,,,ये ठीक नहीं है -डॉक्टर ललित वर्मा,

डॉक्टर ललित वर्मा, कंसल्टेंट- पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंट्रोलाजी, हेपेटोलॉजी एंड लिवर ट्रांसप्लांट, एसआरसीसी ने कहा, “बहुत से भारतीय घरों में बच्चों की पेट सम्बंधित समस्याओं को घरेलू नुस्खों से दूर करने का प्रयास किया जाता है। क्योंकि ऐसी पेट की ऐसी समस्याएं किसी बड़ी समस्या की भी शुरुवाती लक्षण हो सकतीं हैं इसलिए ये उपाय उनके स्वास्थ्य को जोखिम में डाल सकते हैं। उसके अलावा खून की कमी, बाल झड़ना, त्वचा का पीला पड़ना, पीलिया आदि जैसे लक्षणों में लिवर की गंभीर बीमारियों की ओर संकेत कर सकती हैं। इन्हें बिल्कुल भी नज़रंदाज़ न करें, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। चाहे फिर लिवर की कोई मामूली समस्या हो या गंभीर शुरवाती लक्षण पहचानें और जांच करवाएं व डॉक्टर की सलाह लें ताकि आने वाले जोखिम को रोका जा सके।”

डॉक्टर ललित वर्मा आगे बताते हैं, “जहां तक बात है लिवर ट्रांसप्लांट की , एसआरसीसी बच्चों के लिए सभी आधुनिक सुवधाओं से लैस अस्पताल है जहाँ अनुभवी डॉक्टर और मैनेजमेंट है। याद रखें जल्दी इलाज शुरु करने पर लिवर ट्रांसप्लांट की स्थिति को टाला जा सकता है, लेकिन बेहद गंभीर स्थितियां जैसे लिवर फेलियर की आखिरी स्टेज, लिवर सिरोसिस आदि में लिवर ट्रांसप्लांट अक्सर जीवन बचाने जैसा होता है। हम उम्मीद करते हैं कि इस ओपीडी के ज़रिये हमारे परामर्श मरीज़ों के लिए मददगार होंगे।“

बच्चे समाज का भविष्य होते हैं, अगर उनके स्वास्थ्य के विषयों पर आज उचित ध्यान नहीं दिया गया तो मुमकिन है कि कल उनका व्यसक जीवन पीड़ा में गुज़रे। छत्तीसगढ़ में पीडियाट्रिक गैस्ट्रिक समस्याएं एक चिंता का विषय है, इस सन्दर्भ में अधिक जागरूकता की आवश्यकता है। अधिकतर समस्या बच्चे अपनी पीड़ाओं व समस्याओं के बारे में नहीं बोल पाते, यह हमारा फ़र्ज़ है कि उनके स्वास्थ्य का उचित ध्यान रखें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *