रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छोटे-मोटे अफसरों और कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई करके प्रदेश की जनता को आखिर क्या बताना चाहते हैं? जबकि उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार पर उनकी आंखें रंगीन चश्मे चढ़ा लेती हैं। अभी हाल ही विधायक के भ्रष्टाचार पर उंगली उठाने वाले युवा आयोग के सदस्य को 6 साल के लिए कांग्रेस ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। यानी कांग्रेसियों को भी भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने की आजादी नहीं है। जो भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलेगा वह अनुशासनहीन माना जाएगा। कांग्रेस विरोधी माना जाएगा और भूपेश बघेल का भी विरोधी माना जाएगा। दूसरी बात यह कि जब उनके ही मंत्रिमंडलीय सहयोगी ने कोरबा कलेक्टर को भ्रष्ट बताया था तो भूपेश बघेल ने अपने ही मंत्री के कथन पर कोई एक्शन नहीं लिया। अब छोटे-मोटे कर्मचारियों को सस्पेंड करके भूपेश बघेल तोपचंद बन रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश की जनता को भ्रमित करने के लिए तरह-तरह के स्वांग रचते हैं। वह भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं। प्रदेश में पूरी तरह अराजकता और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। छत्तीसगढ़ अपराध गढ़ बन गया है। तरह-तरह के माफिया सरकार के राजनीतिक संरक्षण में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं। सरकार का पूरा सिस्टम भ्रष्टाचार के अधीन चल रहा है। बड़े-बड़े घोटालेबाज रिटायरमेंट के बाद भी सरकार की अनुकंपा पर जमे हुए हैं और जिम्मेदार पदों पर काम कर रहे हैं। ऐसे भ्रष्टाचारियों को नए-नए कारनामे करने के लिए अवसर दिए जा रहे हैं। अतिरिक्त प्रभार दिया जा रहा है। दूसरी तरफ द्वितीय और तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों अधिकारियों को सस्पेंड करके यह बताया जा रहा है कि यह सरकार बड़ी ईमानदार है। जबकि छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह सरकार किसी काले दाग से कम नहीं है। कांग्रेस की तो संस्कृति में ही भ्रष्टाचार रचा बसा हुआ है लेकिन देश भर के कांग्रेसियों के बीच भूपेश बघेल की सरकार भ्रष्टाचार के मामले में सबसे आगे निकल चुकी है।