रायपुर,, भारतव्यापी पिछड़ा वर्ग आंदोलन की उपलब्धि, भविष्य में देश के पुनः निर्माण में संघ की भूमिका को सही ढंग से उठाने व उसके उद्देश्यों की पूर्ति हेतु में देश के विभिन्न राज्यों में जाकर विभिन्न सामाजिक, बौद्धिक व राजनैतिक संगठनों के संगठनकर्ताओं व कार्यकर्ताओं को एकताबद्ध कर पिछड़े वर्गों के संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागृत करने और उसके शीघ्र क्रियान्वयन करवाने के उद्देश्य से आज यहाँ आप सबों के पास पहुँचा हूँ
श्री चन्दापुरी ने बताया कि संघ ने विगत् 14 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से ओबीसी के 27% अनुपातिक आरक्षण को बढ़ाकर आबादी के अनुसार 52% आरक्षण देने हेतु संविधान के अनुच्छेद 15 (4) व 16 (4) में संशोधन के लिये संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने व कानून बनाने संबंधित 8 सूत्री प्रस्तावों को दिया गया था किन्तु इस दिशा में अभी तक कुछ नहीं किया जाना घोर चिंता का विषय है। एनडीए-1 की केन्द्रीय सरकार के तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 2021 की जनगणना में पिछड़े-अगडे व सभी धर्मो के जातियों की गणना कराने के आदेश के बाद भी जनगणना का न होना केवल भ्रमात्मक व गलत है बल्कि संवैधानिक मूल्यों का घोर उल्लंघन है
श्री चन्दापुरी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बिहार के तर्ज पर पिछड़ी अति पिछड़ी जातियों के जातिगत जनगणना शीघ्र शुरू करवाने की अपील करते हुए सम्मेलन में पिछड़ों के विकास से संबंधित 14 प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित करवाने के लिये रखा जिसे सम्मेलन में करतलध्वनि से पारित किया
अपने अध्यक्षीय संबोधन में संघ के राष्ट्रीय महासचिव शत्रुघन सिंह साहू ने कहा 14 सूत्रीय पारित प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री व विपक्षी दलों के नेताओं