रायपुर। अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी को गठन करने का प्रमुख उद्देश्य है देश में असमान शिक्षा व्यवस्था को दूर करते हुए समान शिक्षा व्यवस्था लागू करना। *देश से 300% बेरोजगारी दूर करना, न्याय व्यवस्था को दुरुस्त करना एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा है।
अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष सम्माननीय श्री विनोद पटेल जी ने रायपुर प्रेस क्लब में आज पत्रकार वार्ता में बताया कि अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी एक नई सोच, एक नई किरण, एक नई सूरज, एक नई सुबह के साथ भारत देश की राजनीति में पदार्पण कर रहे हैं। अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी अगले 10 वर्षों में भारत देश की सबसे बड़ी पार्टी होगी। आने वाले इन्हीं 10 वर्षों में सबसे बड़ी पार्टी बनने के साथ-साथ देश के आधे राज्यों में अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी की सरकार होगी। यह घमंड नहीं जनता पर अटूट विश्वास है और इस विश्वास का कारण अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी के वे उद्देश्य हैं जिनके नींव/आधार पर पार्टी का गठन किया गया है। जिससे देश की 300% बेरोजगारी दूर होगी ही होगी इसके साथ ही देश का सुखद भविष्य भी तय होगा एवं भारत देश विश्व में एक नई पहचान के साथ जाना जाएगा। जिसका श्रेय अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी को जाएगा।
पार्टी अध्यक्ष सम्मानीय श्री विनोद पटेल जी ने यह भी कहा कि अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023-24 के सभी 90 सीटों एवं लोकसभा चुनाव 2024-25 के सभी 543 सीटों पर चुनाव लड़ेगी एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों में से लगभग 80 सीटों पर विजय प्राप्त करेंगे साथ ही लोकसभा चुनाव के 543 सीटों में से लगभग 350 सीटों पर जीत हासिल करेंगे। पार्टी गठन करने के 1 वर्ष के पश्चात विधानसभा एवं लोकसभा में चुनाव लड़ना और उसमें जीत हासिल करना यह सिर्फ हमारी कल्पना मात्र नहीं है। अपने उद्देश्यों और देश की जनता पर अगाध विश्वास ही हमें चुनाव में जीत दिलाएगी।
पार्टी अध्यक्ष सम्माननीय श्री विनोद पटेल जी ने प्रदेश और देश की जनता से आह्वान किया है कि अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी के साथ अधिक से अधिक संख्या में जुड़ें और सदस्यता ग्रहण कर अखण्ड भारत सफल भारत का नव निर्माण करें।
प्रेसवार्ता में अखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी के पदाधिकारीगण में महासचिव श्री ओमप्रकाश रात्रे, उपाध्यक्ष श्री साहेब लाल बंजारे, कोषाध्यक्ष श्री खम्हन यादव, सचिव श्री सुशील कुमार, महामंत्री श्री नरेंद्र पैकरा, प्रवक्ता श्री रामप्रताप मनहरे, लाला साहू, मालिक राम वर्मा, धिराजी वर्मा, रामचंद्र धीवर, परमेश्वर कोसले, कृष्णा बंजारे, दीपक देवांगन, टोमन लाल, रामाधार, चुकुन बंजारे, मेघनाथ बंजारे, चूड़ावन बंजारे, बुल्ठी साहू, शिवा, सुखनंदन, नेम बाई, गायत्री पांडे, तेल बाई कुर्रे, दुकलहीन निषाद, मधु यादव, रानी पांडे, सुखबती निषाद, फूलबाई पारधी, सुभद्री केंवट, जमुना निषाद, संतरा केशरी, चैती यादव, सहित सभी कार्यकर्ता मौजूद थे।