छत्तीसगढ प्रदेश में 1998 से 2018 तक पंचायत और नगरीय निकाय में अत्यंत अल्प वेतनमान में कार्यरत शिक्षकों ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का कार्य किया। इस दौरान दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से संघर्षकाल में हजारों की संख्या में शिक्षकों का निधन हुआ जिसमें से कुछ शिक्षकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति की प्राप्ति भी हुई, किन्तु बहुत से परिवार ऐसे भी है, जो आज भी अनुकंपा नियुक्ति की बाट जोह रहे है, RTE के प्रावधानों के तहत् शैक्षणिक अहर्ता न होने की बात कहकर हमें आज पर्यंत तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई है। अनुकंपा नियुक्ति की राह देख रहे लगभग 900 से अधिक परिवारों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हैं, और इस स्थिति में जब हमारे परिवार में कोई कमाने वाला तक नहीं हैं। और जिंदगी जीने तक के लिए हमें मशक्कत करना पड़ रहा है, उस समय टी.ई.टी. और. डी. एड. जैसी डिग्रीयां हासिल करना फिलहाल हमारे लिए संभव नहीं है। और हम इस परिस्थिति में भी नहीं है, कि स्वस्थ मानसिकता के साथ पढ़ाई कर सकें।
अतः इस संबंध में आपसे निवेदन है, कि पूरे प्रकरण पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए हमारी योग्यता अनुसार हमारे लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की कृपा करें ताकि सही मायने में हमारे साथ न्याय हो सकें। इसके लिए अनुकंपा परिवार आभारी रहेंगे।