छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे प्रदेश के लिए जो चुनौती मानी जा रही थी बच्चों में कुपोषण की दर और कुपोषण के कारण होने वाली मृत्यु एक चिंताजनक विषय देश के इंडेक्स में दिखने लगा था उसे दूर करने की पहल भूपेश सरकार ने अपने कंधों में ली बस्तर और सरगुजा जहां पर कुपोषण की दर पूरे प्रदेश में अत्यधिक थी और वह रिमोट एरियाज जहां पर बच्चों को पोषण युक्त आहार प्राप्त नहीं हो पाता था उसके लिए एक अनोखी पहल की गई जिसका परिणाम आज थोड़ा थोड़ा दिखाई देने लगा है इन सब विषयों में यदि बात की जाए सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले में बहुत ही बेहतर काम हुआ है अगर 2019 की स्थिति में जहां कुपोषण की दर लगभग 20,000 थी वहां कलेक्टर संजीव झा एवं उनकी टीम के अथक प्रयास से आज की स्थिति में 50% की कमी लाते हुए 8000 का शेष अंतर ही रह गया है इस बेहतरीन का यह परिणाम देखने को यह मिल रहा है कि बच्चों में कुपोषण की दर या यह कहें कि कुपोषित बच्चों की मृत्यु दर में कमी आई है आंगनबाड़ी केंद्र मध्यान भोजन एवं डोर टू डोर पोषण आहार की आपूर्ति का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से हुआ है 27 जिलों की स्थिति में बलरामपुर जिला ही एकमात्र ऐसा जिला है जिसमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक उल्लेखनीय कदम उठाया है जो कि अन्य जिलों के लिए एक प्रेरणा भी है हम आपको समस्त जिलों की विवरण तारिका जो आज की स्थिति में है वह भी दिखा रहे हैं