लोकतांत्रिकों का समानुपातिक एवं हेतुक प्रतिनिधि जनसमूह(‘पाराद’) नाम से एक राज पार्टी लाँच

रायपुर,,, पियुष मिश्रा

लोकतांत्रिकों का समानुपातिक एवं हेतुक प्रतिनिधि जनसमूह(‘पाराद’) नाम से एक राज पार्टी लाँच की है। यह पार्टी भारत में पाई जाने वाली राज पार्टियों से मूलभूत रूप से पूर्णतः भिन्न है। इस पार्टी का निर्माण राजनीति विज्ञान जनप्रतिनिधित्व एवं लोकतंत्र के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर कि

पार्टी का 250 पृष्ठों का एक विजन डाक्यूमेंट (V.D.) भी है, जो हिन्दी व अंग्रेजी में पार्टी की वे.सा. htus://partadin पर लोडेड है। इसमें पार्टी के दर्शन लक्ष्य उद्देश्य एवं अनुगमन के विषय में विस्तार से बताया गया है। तथापि आपकी सेवा में इस V.D. की सार संक्षेपिका तथा “पाराद” के कथन, तरफदारियों (Stands), लक्ष्यों एवं अनुगमनों की भी जानकारी की हार्ड / सॉफ्ट कापी के रूप में सलग्न है। आप इसका प्रकाशन अपने हिसाब से छाँट करके प्रकाशित करने की कृपा करें। उल्लेखनीय है कि हम भारत के राजनैतिक जगत में आमूल चूल प्रकार के प्रयोग

[Radical Experiments] करने जा रहे है। जैसा कि पार्टी का नाम है, हमारा लक्ष्य है कि भारत के प्रत्येक संप्रदाय, प्रत्येक जाति एवं जनसमूहों [Ethnic Groups] को उनकी जन संख्या के समानुपात में (Proportionally), विस्तारित (Distributive) प्रतिनिधित्व, समस्त सवैधानिक / प्रशासनिक संस्थाओं में सुनिश्चित हो। इतना ही नहीं, उपरोक्त समस्त वर्गों / समूहों के विभिन्न आर्थिक वर्गों का भी हेतुक (Rational) प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो, ऐसा पाराद का लक्ष्य है। इस बात को यहाँ सलग्न एक तालिका द्वारा समझाया गया है। कृपया इसका बारीकी से अध्ययन करने का कष्ट करें।

छ.ग. में आगामी वि.स चुनाव में हम पाराद के उम्मीदवारों को सलग्न तालिका के अनुसार वि. सा. की 90 सीटों के लिये प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। इस बाबत् हमनें एक स्कीम / प्रोजेक्ट प्लान तैयार किया है। चूँकि इस स्कीम / प्रोजेक्ट-प्लान का संबंध पार्टी की कूटनीति से है: अतः हम इसका फिलहाल खुलासा नहीं कर रहे हैं।

लक्ष्य : अन, 51काज) को संविधान की शिका में शामिल करना। गैर वैधानिकता
लोकतांत्रिकों का समानुपातिक एवं हेतुक प्रतिनिधि जनसमूह (पाराद) के

विजन डॉक्यूमेंट (VISION DOCUMENT): उसकी उपपत्ति दर्शन, लक्ष्य तथा उद्देश्य की संक्षेपिका (ABSTRACT)

अध्याय प्रस्तावना :

पार्टी का विजन डाक्यूमेंट लगभग 250 पृष्ठों का है. साथ ही इसमें 10 परिशिष्ठ, तालिकाओं एवं मानचित्रों के रूप में संलग्न है। अतः आर्थिक एवं व्यवहारिक कारणों से इसका पुस्तक के रूप में उपलब्ध करना हमारे लिये संभव नहीं हैं, अतः आपकी सेवा में इसकी संक्षेपिका प्रस्तुत हैं। तथापि सम्पूर्ण विजन डाक्यूमेंट पार्टी की वेबसाईट

https://parrad.in पर हिन्दी व अंग्रेजी में उपलब्ध है। “पाराद’ का पूरा का पूरा प्रोजेक्ट प्लान मिश्नरी भावना (Missionary Zeal). उच्छ नैतिकता, विश्वास (Trust); कर्मठता पर टिका हुआ है।

● ‘पाराद’ के ‘विजन डाक्यूमेंट’ में हमने हमारे 40 वर्षों के कार्यों के क्षेत्रीय अनुभवों का समावेश किया है। “शासक वर्गों की पार्टियों की जीत सकने वाला कारक (Vinibility Factor) के बजाय हमारा अनुगम प्रतिनिधित्व करने वाला कारक (Representibility Factor) है।

• हमारा अंतिम लक्ष्य :- भारत की प्रत्येक जाति, जनसमूह ( Ethnic Groups ) संप्रदाय का एवं विभिन्न आर्थिक वर्गों का जनसंख्या के अनुपात में शासन एवं प्रशासन में समानुपातिक जन-प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है।।

“पाराद” का यह भी लक्ष्य है कि लोकसभा, विधानसभाओं एवं अन्य सभी संवैधानिक संस्थानों में अपराध के आरोपियों / दोषियों की शून्यता हो!

अध्यायः ॥ः लोकतंत्र का इतिहास

• लेकतंत्र की प्रारम्भिक अवस्था ट्राईबलिज (TRIBALISM) के नाम से जानी जाती थी। दूरस्थ वनाचलों में आज भी यह देखी जा सकती है।

● भारत में वैद्धकाल (ई.पू. 6वीं शता से ई.पू. 4 श्री शता.) में लोकतांत्रिक तरीकों से शासन-प्रशासन को चलाने के प्रमाण मिलते हैं। यही कारण है कि उस समय के राज्य

“गणराज्य” अर्थात् जनता के राज्य कहलाते थे।

• आधुनिक लोकतंत्र का सूत्रपात 1707 में संयुक्त विधान (Acts of Union) : 1707 बनने के बाद ग्रेट ब्रिटेन की प्रथम संसद की स्थापना के रूप में हुआ।

• व्यवहारिक लोकतंत्र की स्थापना- फ्रॉस की क्रांती के पश्चात् 24 जनवरी 1789 को ‘राष्ट्रीय सभा (National Assembly)” की स्थापना के साथ हुआ।

• कुछ क्रांतीकारी ऐतिहासिक लोकतांत्रिक बातें / घटनाऐं :-

• फ्रॉस की आम जनता ने फ्रॉस के राज परिवार को खुले आम फॉसी पर चढ़ाया।

• राजा ईश्वर का रूप / प्रतिनिधि है, अतः राजा को सारे ईश्वरी अधिकार (Divine Rights of the King) की अवधारणा को अमान्य किया गया।

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