पियूष मिश्रा 9229629214
मुंगेली/- प्रदेश स्तरीय यादव समाज प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री निवास रायपुर में डॉ. सोमनाथ यादव प्रदेश अध्यक्ष भारतीय यादव महासभा के नेतृत्व में तथा श्रीराम (सीरिया) यादव जिला संयोजक मुंगेली, संतोष कुमार यादव नवागढ़ राज समिति मुंगेली, रामशरण यादव जिला महामंत्री मुंगेली व प्रदेश के अन्य समाज प्रमुखों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात किए साथ ही राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा की उपस्थिति भी रही।
प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का अभिनंदन खुमरी, राऊत जैकेट, शाल पहनाकर व लाठी एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया।
भेंट मुलाकात कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और यादवी परंपरा बांस गीत, राउत नाच जैसी विधा के संवर्धन एवं गीत गाथा तथा दोहों के संरक्षण के लिए अकादमी के गठन की मांग और यादव समाज के बुजुर्ग कलाकारों को प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जाने की मांग की गई।
इसी तरह वन्य क्षेत्र में निवासरत यादवों को पट्टा देने तथा राजस्व पुलिस एवं वन अमले के द्वारा वन क्षेत्र क्षेत्र में निवास रथ यादवों को बेवजह परेशान ना करते हुए कार्यवाही से मुक्त करने तथा शासन के विभिन्न निकायों में यादवी भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही आगामी पंचायत एवं निकाय चुनाव में अधिकाधिक टिकट वितरण करने तथा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में रावत शब्द को सम्मिलित किए जाने को लेकर राज्य सरकार के द्वारा तुरंत कार्यवाही किए जाने की मांग सम्मिलित रही।
इसके अतिरिक्त गौठानों में स्थानीय यादवों की गौ सेवक के रूप में नियुक्ति किए जाने तथा प्रतिमाह मानसेवी राशि प्रदान करने और लावारिस गाय, बछड़ा, बैल व भैंस की देखभाल के लिए जिला स्तर पर अभ्यारण बनाए जाने की मांग की गई। साथ ही गौपालक यादव परिवारों को दुग्ध व्यवसाय हेतु एक प्रतिशत ब्याज दर पर 10 लाख रुपए तक का सहकारी ऋण दिए जाने व ऋण के नियमों में शीथलीकरण और सरलीकरण करने एवं दुग्ध व्यवसाय को बिचौलियों से मुक्त करने के लिए दुग्ध उत्पादक यादवों को न्यूनतम 40 से 45 रुपए प्रति लीटर दर उपलब्ध कराने हेतु नियम बनाए जाने एवं कड़ाई से उसका पालन किए जाने के संबंध में मांग की गई।
मुख्यमंत्री ने यादव समाज की सभी आठ मांगों को ध्यानपूर्वक सुना और समाज की मांगों पर उचित और ठोस कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
भारतीय यादव महासभा छत्तीसगढ़ के बैनर तले रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा एवं बस्तर संभाग के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।