ब्यूरो छत्तीसगढ़ 9229629214
आदिकाल से चली आ रही छत्तीसगढ़ की पारंपरिक त्योहार छेरछेरा पुन्नी अन्न धन की मांगने की परंपरा चलते आ रही है..जिसमें बच्चों से लेकर बूढ़े और जवान सभी लोग टोली बनाकर घर-घर जा करअन्न दान की छेरछेरा माई कोठी के धान ल हेर हेरा की तर्ज पर मांगते हैंऔर उन्हें खुशी खुशी छेरछेरा की बधाई देकर अन्न दान दी जाती है.. और यह त्यौहार पूरे छत्तीसगढ़ के कोने कोने शहर से लेकर ग्रामीण अंचल मैं मनाया जाता है।लेकिन वही एक अद्भुत संगठन ग्राम पंचायत फरसिया के आश्रित ग्राम चंदन बाहरा में महिलाओं द्वारा ग्राम कोष बनाया गया है जो प्रतिवर्ष प्रत्येक महिला 20, 20रु की राशि प्रत्येक त्यौहार होली,दीपावली और छेरछेरा पुन्नी जैसे बड़े त्योहार में एकत्रित की जाती है इतना ही नहीं और उस जमा राशि से गांव के किसी गरीब परिवार की बेटी की शादी में दान रूपी दी जाती है.. अगर किसी गरीब परिवार के घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसमें भी मृत्यु भोज के लिए दान रूपी दी जाती है यह बड़ी प्रशंसनिक कार्य इन महिला संगठनों के द्वारा की जा रही है
और इन संगठित महिला समूह में सेवती बाई,मोहितबाई,भुवनेश्वरी बाई,खोदिता बाई,रामेश्वरी बाई,गणेश्वरी बाई,आरती बाई,खेमिन बाई,कुमारी बाई,पूजा बाई,कला बाई शामिल है!