भाजपा नेताओं की बजट को लेकर प्रतिक्रिया, सभी ने कहा निराशा जनक

दिशाहीन एवं निराशाजनक बजट: विक्रम उसेंडी
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने राज्य सरकार के बजट को दिशाहीन और निराशाजनक बताया है। श्री उसेंडी ने कहा कि राज्य सरकार के इस बजट में कांग्रेस के जनघोषणा पत्र की कोई झलक दिखाई ही नहीं दे रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि पहले बजट से छत्तीसगढ़ देश में 15 से 21 स्थान पर फिसला अब दूसरे बजट से कहा पहुंचेगा पता नहीं?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि आर्थिक प्रबंधन के मोर्चे पर प्रदेश सरकार का यह बजट वैचारिक दिशाहीनता और नेतृत्व की विफलता का श्वेत पत्र है जिसमें प्रदेश को विभिन्न योजनाओं का झुनझुना थमाकर लोगों को जरूरतों और जरूरी विकास कार्यों की अनदेखी कर दी गई है। इस बजट में न औद्योगिक क्षेत्रों के लिए कुछ नया विजन है और न ही सबसे विकसित प्रदेश होने की तैयारी। श्री उसेंडी ने कहा कि धान खरीदी के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही प्रदेश सरकार के पास कृषि के नवीनीकरण की कोई योजना तो है ही नहीं, किसानों के स्थायी कल्याण और उनकी खेती व अर्थतंत्र को मजबूत व लाभप्रद बनाने का कोई भी दृष्टिकोण नजर नहीं आ रहा है। खेती की सिंचाई के लिए भी जो घोषणाएं बजट में की गई हैं, आधे-अधूरे मन से की गई हैं। नरवा-गरवा-घुरवा-बारी जैसी अपनी ही योजना के प्रति प्रदेश सरकार कोई ठोस काम करने की इच्छाशक्ति नहीं दिखा पा रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि शिक्षा जगत हो या सामाजिक कल्याण, युवा कल्याण, किसी भी मोर्चे पर सरकार काम करने की इच्छा-शक्ति से शून्य नजर आ रही है। शराबबंदी के वादे पर प्रदेश सरकार फिर मौन साधे बैठ गई है। सुपोषण का ढोल पीट रही सरकार ने कुपोषण से मुक्ति के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं किया है। स्वास्थ्य योजनाओं के नाम पर भी प्रदेश सरकार का यह बजट छत्तीसगढ़ को बेहतर स्वास्थ्य और मरीजों को राहत की गारंटी देता नहीं दिख रहा है। श्री उसेंडी ने कहा कि कुल मिलाकर बजट के नाम पर प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से मिलने वाले राज्यांश को ही बजट प्रावधान बनाकर प्रदेश को भरमाने और बजट के नाम पर खानापूर्ति करने का काम किया है।

न विकास की आहट, न रोजगार की राहत: डॉ. रमन
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज पेश राज्य के बजट को घोर निराशाजनक करार देते हुए कहा है कि इस बजट ने राज्य की जनता के सपने तोड़कर रख दिए। बड़े-बड़े वादे करने वालों के असल इरादे इस बजट ने जाहिर कर दिये हैं जिसमें न तो विकास की आहट सुनाई दे रही है और न ही रोजगार की राहत नजर आ रही है। बजट में सभी तबकों को छला गया है। सरकार का नरवा गरुवा मॉडल भी बुरी तरह फेल हो गया है। अब सारे वादों की हकीकत उजागर हो गई है। बजट प्रावधानों में न तो अधोसंरचना विकास का कोई खाका नजर आ रहा है, न ही कौशल उन्नयन के लिए सरकार की इच्छा-शक्ति दिख रही है। कृषि, रोजगार, शिक्षा, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी सरकार का नजरिया बदनीयती भरा नजर आ रहा है। महिला के सशक्तिकरण एवं उनकी सुरक्षा के साथ ही शराबबंदी के मामले में सरकार एक बार फिर प्रदेश और महिलाओं को छलने का काम कर रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य का बजट निराशाजनक है,
बजट से न तो प्रदेश के युवाओ को कोई रोजगार मिलेगा न ही प्रदेश के किसी वर्ग को कोई लाभ
भाजपा अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि घोषणा पत्र में 10 लाख बेरोजगार युवाओ को मासिक भत्ता, सुपेबेड़ा, सरगुजा, बस्तर को एयर एम्बुलेंस की सेवा से जोड़ना, छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेज को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदलना, महिला सुरक्षा के नाम पर विशेष महिला पुलिस स्टेशन बनाना, दैनिक मजदूरों के लिए सुरक्षित आय सुनिश्चित करने के साथ राज्य के लोगो को बिजली बिल हाफ करने जैसे वादों को पूर्ण न करना राज्य की जनता के साथ धोखा है। प्रदेश कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2020-21 के बजट में इन मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं की है और राज्य की जनता के विश्वास को तोड़ा है, जिसकी कीमत प्रदेश सरकार को चुकानी पड़ेगी।

दीया न तेल, केवल नाउम्मीदी का खेल: कौशिक
प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बजट पर प्रक्रिया व्यक्त करते कहा कि इस पूरे बजट में कहीं भी छत्तीसगढ़ के आम जनों की चिंता नहीं की गई है। इस बजट को लेकर यही कहा जा सकता है कि दीया है न तेल है केवल नाउम्मीदी का खेल है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की सरकार अपने घोषणा पत्र में किये गये वादों को भी पूरा करने में नाकाम है। शराबबंदी को लेकर कुछ भी नहीं किया गया है। जिन वादों के साथ कांग्रेस सत्ता में आयी है उन्हीं वादों से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को निराशा हाथ लगी है। उद्योगों के लिये कुछ भी खास नहीं है। आधारभूत संरचना को मजबूत करने के दिशा में कोई काम नहीं हुआ है। निवेश की संभावनाएं शून्य हैं। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा की कोई चिंता नहीं की गई है। नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि गरीब, मजदूर, किसान, युवाओं को बजट में ठगा गया है। बजट पूरी तरह से कोरी कल्पनाओं पर केंद्रित है। विकास की सोच से कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि ये छत्तीसगढ़ में वादाखिलाफी का सबसे बड़ा बजट है। कांग्रेस सरकार ने पूरी तरह से असफल बजट पेश किया है।

दिए जाने वाले राज्यांश को ही भूपेश सरकार ने बजट बताया
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने, श्रीचंद सुन्दरानी ने राज्य के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह कैसा बजट है जो केवल केन्द्र की योजनाओं में राज्य द्वारा दिए जाने वाले राज्यांश की घोषणा मात्र है। आज फिर भूपेश सरकार ने युवाओं व महिलाओं को निराश करने का काम किया है। जनघोषणा पत्र में बड़े-बड़े वादे कर सत्ता में आई कांग्र्रेस उसे पूरा करने के लिए संजीदा नही है। जनघोषणा पत्र इस बजट के बाद केवल जनता के लिए धोखा पत्र साबित हुआ है।

युवकों के लिए निराशाजनक: शर्मा
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा ने कहा कि इय बजट की तरफ छत्तीसगढ़ के युवा बड़ी आशा भरी निगाहों से देख रहे थे। परन्तु इस बजट में नई नौकरियों के लिए कोई प्रयास नहीं दिखता और न ही 25 सौ रुपए बेरोजगारी प्रोत्साहन भत्ता के लिए कोई प्रावधान है। यह बजट थोथा चना बाजे घना के समान है। भूपेश सरकार इतनी जल्दी जिस प्रकार एक वर्ष में अलोकप्रिय हुई है। यह बजट राज्य सरकार की अलोकप्रियता में और इजाफा करेगा। जिस बजट से उन्हीं के मंत्रिमंडल के सदस्य 10 के 7.5 अंक दे रहे है, उस बजट में प्रदेश के विकास की किरण देखना बेमानी है। ।

महिलाओं के मुद्दों पर सरकार चुप: पूजा विधानी
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष पूजा विधानी ने प्रदेश सरकार के बजट पर आश्चर्य व्यक्त किया है। श्रीमती विधानी ने कहा कि महिलाओं के उत्थान, सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए बजट में प्रदेश सरकार की चुप्पी आश्चर्यजनक है। बजट का अधिकांश हिस्सा तो ऋण चुकाने में ही चला जाएगा तो 21 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ में कराहते प्रदेश के सर्वांगीण विकास की उम्मीद तो इस प्रदेश सरकार से बेमानी ही है। श्रीमती विधानी ने कहा कि शराबबंदी के बजाय शराब की तीन नई फैक्टरी खोलने की घोषणा कर सरकार ने अपनी मंशा पहले ही जाहिर कर थी और अपने वादे के मुताबिक महिला स्व-सहायता समूहों की कर्ज माफ करने के मामले में इस बार भी प्रदेश सरकार ने कोई प्रावधान नहीं किया है।

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