सदन में नहीं हो रहा संसदीय परम्पराओं का निर्वहन : कौशिक
0 महान व्यक्तित्व दल व विधारधारा से ऊपर होते हैं
रायपुर। प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि सदन में संसदीय परम्पराओं का निर्वहन नहीं हो रहा है। छत्तीसगढ़ के संसदीय इतिहास में जो हो रहा है, वह अलोकतांत्रिक है। जिस तरह सदन में बिना चर्चा के 28 विधेयक पास कर दिए गए, इससे लगता है कि यह सरकार बहुमत का दंभ दिखाने की कोशिश कर रही है। इसके लिये विधानसभा का सत्र बाद में बुलाया जा सकता था लेकिन कांग्रेस की सरकार ने अलोकतांत्रिक ढंग से फैसला लेकर लोकतंत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करने में लगी है। श्री कौशिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार को संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिये पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार केवल दिल्ली को खुश करने के लिये संस्थानों का नाम बदलकर बदले की भावना से काम कर रही है। इन संस्थानों का नाम बदलने के बजाय नये संस्थान की स्थापना पर काम करना चाहिये। केवल मात्र राजनैतिक दुर्भावना की वजह से संस्थान का नाम बदलना गलत है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चाहिये कि समाज जीवन में काम करने वाले हर प्रेरक व्यक्तितत्व का सम्मान होना चाहिये चाहे राजनैतिक विचारधारा कुछ भी हो। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने कर्म से जीवन की सफलता को निर्धारित करता है। श्री कौशिक ने कहा कि भाजपा के पितृपुरुष कुशाभाऊ ठाकरे का समूचा जीवन सुविचार के विस्तार और समाज की समग्रता को समर्पित रहा है। उनकी स्मृतियों की चिरस्थायी करने और भावी पीढ़ी को विचार से अवगत करने के लिये कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता व जनसंचार विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने केवल अपनी हठधर्मिता के चलते नाम बदलने का काम किया है, जिसका हर स्तर पर विरोध हो रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर कोई नया संस्थान खोला जाना चाहिये था। उन्होंने कहा कि महान व्यक्तित्व के भौतिक स्वरूप का नहीं और केवल उनकी विचारशीलता का हम सबके जीवन में होना इस बात को दर्शता है कि वे किसी दल, विचार के नही समाज के आदर्श हो जाते हैं।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ी लड़ाई जा रही है जिसमें हम सबकी सहभागिता जरूरी है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपने घरों में रहने की अपील की है। इस महामारी पर हमारी जीत एकजुटता से होगी और हमें अनुशासन का परिचय देना होगा।