एनजीओ के मार्फत किए घोटाले के खुलासे से प्रदेश सरकार के दावों की पोल खुली : भाजपा

एनजीओ के मार्फत किए घोटाले के खुलासे से प्रदेश सरकार के दावों की पोल खुली : भाजपा

0 कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नौकरशाहों ने भ्रष्टाचार का शर्मनाक नमूना पेश किया : उसेंडी

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने बस्तर में एनजीओ के मार्फत एक बड़े घोटाले को अंजाम दिए जाने के खुलासे को प्रदेश सरकार के लिए शर्मनाक बताया है। श्री उसेंडी ने कहा कि आदिवासी हितों के संरक्षण और उनके विकास की डींगें हाँकने वाली प्रदेश सरकार की सरपरस्ती में इस बड़े घोटाले से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस नेताओं के भ्रष्टाचार मुक्त छत्तीसगढ़ के दावों की पोल खुल गई है और प्रदेश सरकार सवालों के कठघरे में आ गई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में वन विभाग के मुख्यालय अरण्य भवन में पदस्थ एक वरिष्ठ आईएफएस अफसर द्वारा बस्तर की स्वयंसेवी संस्था ‘प्रबल आधार सेवा संस्थान’ को नियम विरुद्ध दिए गए कामों की जाँच के आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि नौकरशाहों ने बस्तर क्षेत्र को अपना चारागाह मानकर व्यापक पैमाने पर घोटालों की पटकथा लिखने का काम किया है और प्रदेश सरकार का अपने नौकरशाहों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। श्री उसेण्डी ने कहा कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक की देख-रेख में बस्तर वन संभाग के तीन आला अफसरों की टीम द्वारा की जा रही जाँच से सामने आया प्रदेश में कांग्रेस के सत्तारूढ़ होने के बाद बस्तर से किसी बड़े घोटाले का यह मामला प्रदेश सरकार के काम-काज, रीति-नीति पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। श्री उसेण्डी ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में एनजीओ के काम में भारी गड़बड़ियाँ सामने आ रही हैं और प्रदेश में कांग्रेस के सत्तारूढ़ होते ही अरण्य भवन में पदस्थ उक्त आला अफसर ने जिस तरह जगदलपुर की स्वयंसेवी संथा ‘प्रबल आधार सेवा संस्थान’ को बीजापुर और दन्तेवाड़ा में काम मुहैया कराया, उसमें तमाम कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर भ्रष्टाचार किया गया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार के लगभग डेढ़ वर्षों के भीतर ही नौकरशाहों ने जिस तरह भ्रष्टाचार और घोटालों को अंजाम देने का शर्मनाक नमूना पेश किया है, उसने प्रदेश सरकार की साख पर बट्टा लगाने का काम किया है। पिछले डेढ़ वर्ष में ही उक्त एनजीओ को प्रशिक्षण और जागरुकता के अलावा जैव-विविधता, पीबीआर और बीएमसी के करीब 02 करोड़ रुपए के काम आवंटित किए गए और इनमें से अधिकांश काम कागजों पर ही निपटाकर संस्था को राशि का भुगतान कर दिया गया। श्री उसेंडी ने हैरत जताई कि फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए कमाने वाले इस एनजीओ ने सांसद दीपक बैज के मार्फत मुख्यमंत्री सहायता कोष में कोरोना से निपटने के लिए 01 लाख रुपए दान में देकर अपने काले कारनामों को ढंकने का कृत्य भी किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि प्रदेश सरकार आदिवासी इलाकों को लेकर डींगें तो खूब हाँकती है लेकिन इन इलाकों में प्रशासनिक मशीनरी का हाल बहुत बुरा है। बस्तर क्षेत्र में तो बीजापुर और दन्तेवाड़ा सहित लगभग आधा दर्जन वन दफ्तर प्रभारी डीएफओ के भरोसे चल रहे हैं जबकि इससे पहले बस्तर में डीएफओ के पद पर पूर्णकालिक आईएफएस अधिकारी पदस्थ रहते थे। श्री उसेंडी ने प्रदेश सरकार से इस घोटाले को अंजाम देने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *