कोरोना ने बढ़ा दी भक्‍त और भगवान के बीच दूरीढोलकल पहाड़ी और बारसूर में गणेश प्रतिमाओं का दर्शन होगा दुर्लभ

स्थान दंतेवाड़ा
रिपोर्टर मुकेश श्रीवास

कोरोना ने बढ़ा दी भक्‍त और भगवान के बीच दूरीढोलकल पहाड़ी और बारसूर में गणेश प्रतिमाओं का दर्शन होगा दुर्लभ

दंतेवाड़ा – देवताओं में सबसे पहले पूजनीय गणेश भगवान से श्रद्धालुओं को कोरोना वायरस के दूर कर दिया है। यही कारण है कि इस बार चतुर्थी में भगवान सार्वजनिक पंडालों में भी कम नजर आएंगे। पंडालों को छोड़ भी दें तो मंदिरों पर भी भक्‍तों के बेरोकटोक आवाजाही पर रोक रहेगी। बात छत्‍तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के दो प्रसिद्ध गणेश प्रतिमाओं की करें, तो यहां भी श्रद्धालुओं के पहुंचने पर रोक रहेगी। जिला मुख्‍यालय में करीब 24 किमी दूर और समुद्रतल से करीब 3000 फीट ऊंचे शिखर पर बैठे गणेशजी हो या 35 किमी दूर बारसूर में विराजित विश्‍व की तीसरी सबसे बडी और जुड़वा गणेश प्रतिमा हो। दोनों ही जगह कोरोना वायरस ने पाबंदी लगा दी है। पुजारी तो इन मंदिरों में नियमित पूजा- पाठ करने पहुंचेंगे, लेकिन श्रद्धालु नहीं। बारसूर नगर पंचायत के अध्‍यक्ष उमेश्‍वर सिंह पुजारी कहते हैं कि उनका परिवार बरसों पर मंदिर में पूजा- पाठ करते आ रहा है। गणेश चतुर्थी और अन्‍य दिवसों पर भक्‍तों की भीड़ होती है। इस बार कोरोना वायरस के बीच पूजा-पाठ तो होगी, लेकिन पूर्व की तरह नहीं। कोरोना गाइड लाइन का पालन किया जाएगा। इसी तरह आदिवासी समुदाय के सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व शिक्षक बल्‍लू भवानी का कहना है कि बारिश में दिनों पहाड़ पर चढ़ना आसान नहीं होता। पहाड़ी रास्‍ते में झाडि़यां और जंगली- पौधे उग आए हैं। साथ ही बीच रास्‍ते में एक नाला पार करने के साथ पर्वत के शिखर के तक पहुंचना कठिन होगा। वैसे भी कोरोना वायरस के चलते प्रशासन ने भी भीड़ से बचने का आदेश जारी किया है। लगातार बारिश से गणेश चतुर्थी पर ढोलकल चढ़कर पूजा और दर्शन करना आसान नहीं है।

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