बिना लीज के धड़ल्ले से चल रही है रायपुर जिले में क्रेशर खदानें,कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं के साथ अधिकारियों की साझेदारी भी क्रेशर में ।
रायपुर / 2-9-2020 राज्य के खजाने में खनिज के द्वारा एक बड़ा हिस्सा राजस्व के रूप में प्राप्त होता है भूमि चाहे निजी हो या शासकीय यदि इसमें उत्खनन किया जाता है और उसमें कोई राशि की प्राप्ति होती है खनिज बतौर तो उसकी अनुमति खनिज विभाग से लेनी ही पड़ती है और एक बड़ी राजस्व की प्राप्ति भी राज्य को इससे होती है किंतु बड़ी विडंबना है कि धरती के सीने को बार बार अवैध रूप से चीरा जा रहा है सिर्फ राजधानी में ही अवैध खनन अनवरत जारी है मुरुम,गिट्टी और रेत से खनन माफिया लाल हुए जा रहे हैं और शासन को लगातार चुना लगाए जा रहे हैं इसमें सफेद पोश व्यक्तियों से लेकर क्षेत्रीय लोगों की संलिप्तता है ऐसा नही है कि इसकी जानकारी शासन में बैठे जिम्मेदार लोगों को नहीं है लेकिन उनकी भी खामोशी ये जरूर बताती है कि दाल में कुछ काला है ये लेख छत्तीसगढ़ की जनता को अवगत कराने के लिए लिखा जा रहा है कि कैसे नियमों को दरकिनार करते हुए तथाकथित बड़े लोग अपना उल्लू सीधा कर रहे है।