काला सच – ग्राम दोन्दे कला शहरी सीमा से लगा हुआ शासन से उपेक्षित गांव जहां मूलभूत सुविधाओं का ही अभाव ।

सरकार चाहे कांग्रेस की हो या भाजपा की हमेशा से उपेक्षित रहा है राजस्व गांव दोन्दे कला सरकार के खजाने में राजस्व के रूप में एक बड़ा हिस्सा देने वाले गांव में मूलभूत सुविधाओं का ही अभाव है सड़क,पानी बिजली जो व्यक्ति की आवश्यकता है उसी का यहां अभाव है राजधानी की शहरी सीमा से लगा हुआ गांव दोन्दे कला का एक काला सच हम आप को दिखा रहे है क्योंकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सदृढ़ करने की बात केंद्र और राज्य सरकार हमेशा से करती आ रही है फिर ऐसे गाओ का विकास क्यों नहीं हो पाया ये एक बड़ा प्रश्न है योजनाएं क्या सिर्फ कागजों तक ही सीमित है और इसके क्रियान्वयन में शासन के जिम्मेदार पदों में बैठे लोगों को रुचि नहीं है ऐसे बहुत से सवाल है जिनका जवाब जनता को जानने का पूरा हक है ।
ताजा उदाहरण दोन्दे कला से पचेड़ा पहुंच मार्ग का है जिसका निर्माण रमन सरकार के समय प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 10 से 12 वर्षों पहले किया गया था जो आज गड्डों में तब्दील हो चुका है गड्डों की इस सड़क के किनारे भाजपा और कांग्रेस के कदावर नेताओ के क्रेशर और दाल मिल है और उन्हीं की ओवर लोडेड गाड़ियां यहां पर तेज रफ्तार से अनवरत चलती है जिससे लगातार हादसे तो हो ही रहे है एक बड़ी दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है इसके निर्माण की मांग लगातार ग्रामीणों के द्वारा की जा रही है फिर भी शासन का उपेक्षित व्यवहार समझ से परे है।

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