छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के चुनाव 11 तारीख से चालू हो चुके हैं ऐसे में दोनों पेनलों के लोग प्रतिस्पर्धा तो कर ही रहे हैं वाद-विवाद की स्थिति भी पहली बार देखने को मिल रही है जहां एक और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चालू है वहीं दूसरी और चुनौतियां भी देखने को मिल रही है कई वर्षों से चेंबर की राजनीति में सक्रिय और पूर्व में चेंबर अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वाले ” श्रीचंद सुंदरानी ने अपने विरोधी पैनल को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि जो भी आरोप प्रत्यारोप उनके प्रत्याशियों पर लगाए जा रहे हैं उसके लिए मैं किसी भी जगह किसी के भी सामने किसी भी मंच पर बात करने के लिए तैयार हूं और मेरे पैनल से सिर्फ मैं ही खड़े हूँगा और अपनी बातों को रखूंगा। सामने वाले समस्त पदाधिकारी मुझसे प्रश्न कर सकते हैं ,मैं चुनौती देता हूँ,यदि मैं उनका जवाब संतुष्टि पूर्ण नहीं दे पाया और व्यापारियों ने यह कह दिया की विरोधी पक्ष सही है तो मैं चेंबर की राजनीति से संयास ले लूंगा और मेरी किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी चेंबर में नहीं होगी” क्योंकि
इतनी वर्षों से मैंने सिर्फ व्यापारी हित के लिए ही काम किया है केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल जब रायपुर आए थे तब हमने छोटे और मध्यम व्यापारियों के हित के लिए जीएसटी के मैटर को लेकर उनसे बात की थी और 400 बिंदुओं पर अपने सुझाव पीयुष गोयल जी को दिए थे जिसका क्रियान्वयन भी हुआ है और हम आगे भी सिर्फ व्यापारी हित के लिए ही काम करते रहेंगें । सामने वाले पैनल के जितने भी आरोप हैं वे बेबुनियाद हैं ।
वे लोग आरोप लगा रहे हैं जिनका कोई अस्तित्व नहीं है जिन्होंने पिछले 3 वर्षों में व्यापारियों के लिए कोई काम नहीं किया है सिर्फ अपने हित को साधने के लिए ही चेंबर का इस्तेमाल करते आए है ।
आगे और क्या कहूं परिणाम ही बताएगा कि हम कितने तेजी से और कितने बढ़त लेकर चेंबर के चुनाव को जीत रहे हैं।