छत्तीसगढ़ में मिसाल कायम करता हुआ एक ऐसा गांव जहां यदि आपने ताश जुआ सट्टा गांजा शराब जैसे व्यसन को किया तो लगेगा अर्थदंड और मिलेगी सजा ,गांव वालों ने एकजुटता दिखाते हुए किया फरमान जारी ।
जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के एक ऐसे गांव की जिसने पूरे छत्तीसगढ़ में मिसाल कायम की है जहां किसी भी प्रकार का व्यसन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है यदि ऐसा करते हुए कोई भी व्यक्ति पाया जाता है चाहे वह गांव के अंदर का हो या गांव के बाहर का ,तो उसे ग्राम पंचायत द्वारा निर्धारित दंड दिया जाता है ।वह भी सभी गांव वालों के सामने हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले के आरंग विकासखंड में स्थित टेकारी कुंडा ग्राम पंचायत ने आपसी सहभागिता दिखाते हुए राज्य ही नहीं अपितु पूरे देश में एक मिसाल कायम की है यहां सारे गांव वाले खुश हैं क्योंकि यहां किसी भी प्रकार के व्यसन को नहीं किया जाता यहां ना तो कैरम खेला जाता है शतरंज भी नहीं खेला जाता ताश की पत्ती किसी के हाथ में नहीं दिखती शराब, गांजा जैसे मादक पदार्थों का सेवन भी यहां पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है ग्राम पंचायत के सरपंच नंदलाल यादव ने कहा कि एक समय ऐसा था कि गांव वाले शराब और गांजे से जुआ सट्टा से बहुत परेशान थे। हमने बैठक में यह निर्णय लिया कि हमारी ग्राम पंचायत गांधीजी के आदर्शों पर चलेगी और यहां किसी भी प्रकार का व्यसन नहीं करने दिया जाएगा वह चाहे किसी प्रकार का युवा हो ,वृद्ध हो ,अधेड़ हो यह नियम गांव के रहने वाले सभी लोगों पर लागू रहेगा और हमने ऐसा नहीं है कि दंड नहीं लगाया है कुछ लोगों पर दंड लगाया भी गया है अगर कोई कैरम शतरंज ताश खेलते हुए पाया जाता है तो ग्राम सभा बुलाकर उस पर ₹5000 का दंड लगाया जाता है शराब और गांजा का सेवन करने वाले या सेवन करने के बाद उदंड करने वालों पर ₹6000 का अर्थदंड ग्राम सभा के द्वारा लगाया जाता है और इस अर्थदंड का उपयोग ग्राम के विकास के लिए किया जाता है लेकिन आज परिस्थिति बहुत अच्छी है हमारे पूरे गांव में कोई भी व्यक्ति गांजा शराब जुआ जैसी बुरी लतों से कोसों दूर है और मैं आगे कह सकता हूं कि गांधीवादी विचारधारा वाला हमारा गांव पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ है।