रिश्वतखोर अधिकारियों ने पैसे लेकर झूठा पावर कट किया
रायपुर। बिजली कटौती की साजिश का हुआ खुलासा पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रिश्वतखोर अधिकारियों ने पैसे लेकर झूठा पावर कट करने के बावजूद कांग्रेस सरकार में रमन सरकार से कम पावर कट हुआ। राजनैतिक फायदे के लिये भी संघी अधिकारियों ने फर्जी पावर कट किया। छोटे से आर्थिक लाभ के लिये सारे बिजली उपभोक्ताओं को असुविधा के स्थिति में डालना और इंवटर कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिये पावर कट करना झूठा पावर कट करना, झूठा ब्लेकआउट करना ये निम्नतम स्तर की आपराधिक कार्यवाही है। ऐसे रिश्वतखोर अधिकारियों पर समुचित और कड़ी कार्यवाही विद्युत मंडल के द्वारा की गयी है। ऐसे अधिकारियों को तो एक क्षण भी नौकरी पर रहने का अधिकार नहीं है। पढ़ने वाले बच्चे, खाना बनाने वाली माताएं, गृहणियां, इन लोगों को असुविधा इन अधिकारियों ने चंद चांदी के टुकड़ों के लिये की है। बहुत सारे लोग बिजली पर अपने रोजी रोटी के लिये निर्भर करते है। वेल्डिंग दुकान लेथशॉप चलाने वाला बिजली पर अपनी रोजी रोटी के लिये निर्भर रहते है। ऐसे लोगो की रोजी रोटी से खिलवाड़ करना, बच्चों की पढ़ाई से खिलवाड़ करना ये कदापि स्वीकार नहीं है। ऐसे आचरण को माफ नहीं किया जा सकता है। पूर्व में भी कांग्रेस ने इस बात को पुरजोर तरीके से उठाया था कि जानबुझकर कई जगह पावर कट की स्थिति उत्पन्न करने में कुछ अधिकारी लगे हुये है। इस स्टिंग आपरेशन से कांग्रेस के आरोप भी सही साबित हुये है। रिश्वत लेकर पावर कट करने वाले अधिकारियों पर जो कड़ी कार्यवाही विद्युत मंडल के द्वारा की गयी है, इस कार्यवाही का कांग्रेस पार्टी स्वागत करती है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कड़े शब्दों में कहा है कि निश्चित रूप से अपने निहित राजनैतिक स्वार्थ के लिये और आर्थिक स्वार्थ के लिये भ्रष्ट अधिकारियों ने इंवटर कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिये की हो, किसी राजनैतिक दल को फायदा पहुंचाने के लिये बिजली होने के बावजूद ब्लेकआउट किया, इसे तो क्षमा नहीं किया जा सकता है। राजनांदगांव में जो प्रकरण हुआ था, वो भी एक इंवटर कंपनी से जुड़ा हुआ मामला था। ऐसे मामले अक्षम्य है, और कड़ी से कड़ी कार्यवाही ही इस मामले में उचित और आवश्यक है। इन लोगों के लिये पैसा महत्वपूर्ण होगा लेकिन पैसा इतना महत्वपूर्ण नहीं होता कि छात्रों की पढ़ाई के साथ खिलवाड़, गृहणियों के साथ खिलवाड़ किया जाये। ग्रामीण इलाकों में कई जगह सांप, बिच्छु निकलने की घटनायें होती है और ऐसे समय में बिजली के जाने से लोगों को बड़ी असुविधा होती है। यदि कोई भ्रष्ट अधिकारी आर्थिक लाभ के लिये कोई विद्युत उपभोक्ताओं को असुविधा में डाल रहा है तो ऐसे अधिकारी को क्षमा नहीं किया जा सकता।
रमन सिंह सहित भाजपा नेताओं ने बिजली कटौती को लेकर जो आरोप लगाये थे, अंततः वे गलत साबित हुये। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 19 जुन 2019 को कांग्रेस ने कहा था कि आंकड़े बताते है रमन सरकार के समय ज्यादा बिजली कटती थी। परिस्थितियो को बिगाड़ने के लिये प्रीमानसून मेंटेंनेन्स, ओवरलोड ट्रिपिंग या घटिया क्वालिटी विद्युत के उपकरणों के बार-बार खराब होने के कारण बिजली चले जाने को रमन सिंह जी के 15 वर्षो के शासनकाल में विद्युत मंडल में उपकृत करने के उद्देश्य से घुसाये गये संघी अधिकारी झूठमूठ में पावर कट कहकर विद्युत मंडल ही के खिलाफ दुष्प्रचार में लगे हुये है। कांग्रेस सरकार ने तो प्रदेश में बिजली की मांग से ज्यादा उत्पादन के द्वारा कीर्तिमान स्थापित किया है जिससे बौखलाकर जनविरोधी रवैय्ये के उजागर होने से डूबती हुयी भाजपा द्वारा हर मामले में झूठ के तिनके को सहारा बनाया जा रहा है।
विवरण | जनवरी से मई 2018 तकभाजपा शासनकाल में | जनवरी से मई 2019 तक कांग्रेस शासन काल में |
33KVA फीडर ब्रेक डाउन और शटडाउन | 8254 बार | 6761 बार |
33KVA बिजली बंद | 16645.69 घंटे | 13041.02 घंटे |
11KVA फीडर, ब्रेक डाउन और शटडाउन | 84421 बार | 70449 बार, |
11KVA फीडर बंद | 104770 घंटे | 85772 घंटे, |
दोनो फीडर ब्रेक डाउन और शटडाउन | 92675 बार ब्रेक शटडाउन, | 77510 बार ब्रेक शटडाउन, |
दोनो फीडर बिजली बंद | 1 लाख 21 हजार 46 घंटे | 98 हजार 813 घंटे |