मदिरा प्रेमियों को नहीं मिल रही है राहत राजधानी में भी बिक रही है अधिक दर पर शराब

राजधानी में शराब बिक रही है अधिक रेट में ,शक की सुई नई प्लेसमेंट पर आबकारी विभाग की बना मूकदर्शक

शासकीय शराब दुकानों में जहां मदिरा प्रेमियों को उनकी मनपसंद शराब नहीं मिल पा रही है वही उनको निर्धारित दर से अधिक कीमत पर शराब लेना पड़ रहा है जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की जहां अधिकतर दुकानों में शराब की दर जो शासन के द्वारा निर्धारित की गई है उसे अधिक दर पर मतलब 10 से ₹20 पौवा, ब्रांडेड अंग्रेजी शराब में 40 से ₹50 प्रति बोतल की दर से ज्यादा लिया जा रहा है हमारे द्वारा स्टिंग ऑपरेशन किया गया है उसके वीडियो को भी आप देख कर पता कर सकते हैं कि पुराने बस स्टैंड ,राजेन्द्र नगर,जो राजधानी के मध्य में स्थित है उसके अतिरिक्त बहुत सी ऐसी दुकानें राउटर में है उनमें भी दरों में अनियमितता देखने को मिल रही है नए सहायक आयुक्त रायपुर के आने के बाद जहां एक और प्लेसमेंट एजेंसी चेंज की गई है कसावट लाने का प्रयास किया गया था वह कसावट आप सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई और जो शराब शासकीय मदिरा दुकानों में निर्धारित दर में शराब बिकनी थी वह 100% नहीं बिक पा रही है देखने से ऐसा लगता है इसमें कहीं न कहीं प्लेसमेंट एजेंसी और आबकारी विभाग का संरक्षण होना चाहिए शराब के अधिक दर को लेकर कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ की राजनीति भी गरमा गई थी जहां एक और भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शराब की अत्यधिक दर को भूपेश टैक्स के नाम से कह कर आरोप लगाया था वही दूसरी ओर भूपेश सरकार ने इस में कसावट लाने के लिए आपकारी विभाग ने बड़े पैमाने पर तबादले किए गए थे बाहर हाल शासन स्तर पर जो भी किया गया हो लेकिन छत्तीसगढ़ के जनता या यह कहें शराब प्रेमियों को निर्धारित दर से अधिक रेट में शराब लेनी पड़ रही है और उन्हें लूटा जा रहा है। हमारी टीम जब राजधानी के एक शराब दुकान में पहुंची तुम्हारा का शटर भी गिरा हुआ था क्योंकि मदिरा प्रेमी अधिक दर पर शराब लिखने की शिकायत कर रहे थे उनके उग्र हो जाने के बाद शराब का विक्रय करने वाले लक्ष्मण के कर्मचारियों ने दुकान का शटर डाउन कर दिया था अमूमन यही हाल बहुत ही शराब दुकानों का हो रहा है भविष्य में देखने वाली बात यह होगी की आबकारी विभाग इसमें कितना ठोस कदम उठाता है क्या इसमें कोई कार्यवाही की जाती है मजरा प्रेमियों को कितनी राहत मिलती है यह सारे सवालों का जवाब भविष्य के गर्त में छुपा हुआ है

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