प्रशासनिक तंत्र के तमाम कोशिशों के बाद भी पहाड़ी कोरवा के छात्र छात्राओं को आश्रम छात्रवास में बेहतर शिक्षा व अन्य सुविधाओ से वंचित रखने का प्रयास किया जाता रहा है,

विकासखण्ड राजपुर के पहाड़ी कोरवा आश्रम व छात्रावास कुछ ना कुछ कारणों से हमेशा ही सुर्खियों में बने रहते क्योंकि आश्रम व छात्रवास में अध्यन करने वाले छात्र छात्राओं से हमेशा से ही शिक्षण कार्य कम कराने के अलावा अन्य दूसरे कार्य भी हमेशा से कराया जाता है।साथ ही उन्हें मिलने वाली सुविधा से भी वंचित रखा जाता है,इन आश्रमो में रहने वाले छात्र छात्राओं के यूनिफार्म से लेकर अन्य कपड़ों तक हमेशा गन्दे पहने रहते दिखते हैं,प्रशासनिक तंत्र के तमाम कोशिशों के बाद भी पहाड़ी कोरवा के छात्र छात्राओं को आश्रम छात्रवास में बेहतर शिक्षा मीनू के अनुसार भोजन,गर्म कपड़े,जूते,तेल,साबुन व अन्य सुविधाओ से वंचित रखने का प्रयास किया जाता रहा है, जबकि कोरम पूर्ति के लिए संस्था में निरीक्षण पंजी भी रखा जाता है जिसमें वरिष्ट अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान दिये गये निर्देश कोरम मात्र के लिए लिखे जाते हैं।
ऐसा ही एक मामला विकासखण्ड राजपुर ग्राम लाऊ में संचालित 50 सीटर पहाड़ी कोरवा आश्रम का आया है जहां अध्यन कर रहे छात्रों से सुबह उठाकर गोबर बीनने के लिए भेज दिया गया,वहीं कुछ छात्रों से आश्रम के आंगन लिपाई कार्य भी कराया जा रहा है, आश्रम में रह रहे छात्रों ने बताया कि “हम लोगो के द्वारा ही आश्रम की साफ सफाई के साथ अन्य कार्य भी हम सभी के द्वारा की जाती है,आश्रम अधीक्षक हमेशा आश्रम से नदारत रहते हैं, आश्रम संचालन का जिम्मा भृत्य के भरोसे रहता है। भोजन में कभी चावल सब्जी तो कभी चावल दाल नसीब होता है”,आश्रम में रह रहे छात्रों को देखकर लगता है कि शासन पूरी ताकत अधीक्षक के आगे नत्मस्तक होती नजर आ रही है।
के के जायसवाल ने कहा है कि आपके द्वारा छात्रों से गोबर बिनवाने व लिपाई कार्य कराने की जानकारी मिल रही है अगर ऐसा है तो मामले की जाँच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन भेजा जाएगा।

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