आधी रात रेत पर बवाल,आपसी रंजिस के चलते मार पीट, जिला पंचायत प्रतिनिधियो की संख्या अधिक और रेत डंप स्थान में चौकिदारो की संख्या कम घटना पर उठ रहे सवाल, केमरे गायब।

धमतरी रिपोर्टर रूपेश साहू 18-9-2020

धमतरी जिले में महानदी की रेत सोना उगलती है धमतरी जिला आय दिन रेत खदानों के नाम पर विवादित रहा है अभी कुछ ही दिन पूर्व भाजपा जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव मामले को हुआ ही है कि रेत भंडारण पर नया कहानी समाने आ रहा है ,
बताया जा रहा है कि घटना रात्रि 1बजे का है जँहा जिला पंचायत प्रतिनिधियों की टीम और कुरुद के गाड़ाडीही रेत डंप स्थल के लोगो के बीच मार पीट जैसे वारदात सामने आये है जानकारी के मुताबिक घटना बीती रात्रि 1 बजे की है जँहा जिला पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक हुआ जिला पंचायत सदस्य गोविन्द साहू ने बताया कि
जिला पंचायत प्रतिनिधियों की टीम मगरलोड क्षेत्र के रेत खदान परेवाडीह, दमका, हथबन्द, और कपालफोड़ी, रेत खदानों का निरीक्षण किये साथ ही कपालफोडी में जेसीबी मशीन को सील करने की बात कहे पश्चात जब हमने गाड़ाडीही के रेत डंप स्थल में पहुचे तो वहां जैसे ही गाड़ी से उतरे ठेकेदार के लोग जो वहां मौजूद थे उंन्होने मारना पीटना चालू कर दिया और मैं बुरी तरह घायल हो गया जिसकी शिकायत कुरुद थाने में कराया गया है।
साथ ही जब हमने इस सम्बंध में रेत डंप स्थान में मौजूद व्यक्ति धनेश्वर से बात किये तो उनका कहना है इस प्रकार की कोई घटना नही हुआ है वहा 5 लोग थे जँहा एक व्यक्ति को पैरालिसिस भी है बताए कि घटना के समय जिला पँचायत प्रतिनिधि आये और जेसीबी ऑपरेटर से बात कर रहे थे और धमकी चमकी लगा रहे साथ ही पैसों की बात सामने आई है उनका कहना है कि जिला पंचायत प्रतिनिधियों ने कैमेरा भी तोड़े है और मौजूद लोगों के साथ मार पीट करके जबरदस्ती स्वांग रच रहे है।
इस मामले में जब हमने ए एसपी मनीषा ठाकुर रावटे से बात किये तो बताए कि मामला साढ़े 12 बजे का है वहा जो घटना हुआ है शिकायत दर्ज कराई गई है जिनको लेकर पूछ ताछ जारी है मामले की जांच की जाएगी।
धमतरी जिला रेत के नाम पर हमेशा से विवादित रहा है लेकिन इस बार तो मामला कोई जनप्रतिनिधि को पीटने का नही बल्कि वँहा मौजूद चौकीदार और कर्मचारी को पीटने का भी सामने आ रहा है। यह बात वहां उपस्थित चौकीदार ने बताया
क्षेत्र में लोगो का सवाल है कि क्या रेत डंप गाड़ाडीही में ही हो रहा है , नजदीकी रेत घाट मन्दरौद सहित अन्य जगहों में बड़ी कार्यवाही क्यो नही और क्या जनप्रतिनिधि को आधी रात खदानों में जाने का अधिकार है और इस मामलों पर कार्यवाही करने का अधिकार है अगर है तो स्थानीय प्रशासन, जिला प्राशासन, खनिज विभाग का क्या काम?
साथ ही धनेश्वर कुमार ने बताया कि जिस स्थान पर यह घटना हुआ वहां कम कर्मचारी थे और जिला पंचायत प्रतिनिधि की संख्या ज्यादा था तो यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वँहा घटना किस प्रकार से हुआ होगा।
साथ ही खदान के संचालक मनीष पवार द्वारा प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा गया जिस पर प्रशासन संज्ञान लिए
वही इस सम्बंध में कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने घटना को गम्भीरता से लेते हुए एसडीएम कुरूद से प्रतिवेदन मंगावकर जानकारी मांगी तो यह स्पस्ट किये की यह घटना अवैध रेत भण्डारण को लेकर नही बल्कि दो उभय पक्षो के मार पीट को लेकर है रेत खदान की डंपिंग प्रक्रिया अवैध नही बल्कि वैध है और यह उनकी निजी जमीन में अस्थाई अनुज्ञा भण्डार के नाम से रजिस्ट है इनकी अच्छे से जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही किया जाएगा।

इस मामले में कुरूद विधायक अजय चंद्राकर कांग्रेसियों पर तंज कसते हुए कहा है कि घटना अवैध रेत भण्डारण को लेकर नही बल्कि अवैध वशूली को लेकर यह स्वांग रचा गया था ।

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