प्रदेश के बनते बिगड़ते राजनीतिक समीकरण के बीच विधायकों का राजधानी कूच,,,,,टुलकीट मुद्दे पर भाजपा के आक्रामकता के कांग्रेसी रणनीति पर नजर,,,,,

। छत्तीसगढ़ प्रदेश में टुलकीट मुद्दे के बाद भले ही भाजपा ने डां.रमन सिंह के गिरफ्तारी के मुद्दे पर आक्रामकता दिखाई है। उसके बाद प्रदेश की राजधानी में नये राजनीतिक हलचल बढ़ गई है और इसके बीच बस्तर के विधायकों ने रायपुर कूच कर दिया है जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। इन दिनों टुलकीट के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है जिसके बाद भाजपाइयों ने सरगुजा से बस्तर तथा कोंटा से केशकाल तक भाजपाईयों ने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया जिसके बाद कांग्रेस पार्टी इसकी समीक्षा कर रही है और इसके लिए विधायकों को राजधानी तलब किया गया है। टुलकीट व अन्य मुद्दों को लेकर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम पत्रकार वार्ता भी कर सकते हैं।
*ढ़ाई-ढ़ाई साल का मुद्दा भी मार रही उफान*
दूसरी तरफ भाजपा से जुड़े लोगों द्वारा विधायकों के राजधानी में जमावाड़ा को लेकर कई प्रकार के सवाल उठाए जा रहें हैं। कुछ लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव के बीच चल रही कुर्सी लड़ाई के ढ़ाई-ढ़ाई वर्ष की मियाद को लेकर दोनों कैंप के विधायकों को अलग-अलग खेमेबंदी किये जाने की खबर भी राजनीतिक गलियारों में जमकर चल रही है।
विधायकों के जमावड़े की खबर पर कांग्रेस मौन
वैश्विक महामारी कोरोना काल के बीच विधायकों के अचानक बस्तर से रुखसत होने की खबर पर कोई भी कांग्रेसी इस पर प्रतिक्रिया देने से बच रहा है। कुल मिलाकर बस्तर सहित राजधानी तक यह हलचल मची है कि कांग्रेस कुछ बड़ा करने की तैयारी में हैं।

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