सफलता की कहानी , जिले में अब तक लगभग 16 सौ सोलर पम्प स्थापित सौर सुजला योजना से एनजीजीबी के तहत बने गौठान,

, चारागाहों में गौ-धन के पेयजल हेतु 136 सोलर पम्प स्थापित
21 महिला समूहों के लिए भी सोलर पम्प स्थापित

धमतरी 22 जून 2021/ छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा जिले में अब तक लगभग 16 सौ सोलर पम्प स्थापित किए जा चुके हैं। इसमें से लगभग 700 से अधिक सोलर पम्पों की स्थापना योजना के चौथे एवं पांचवें चरण में की गई है। योजना के पांचवें चरण में मिले छः सौ के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक तीन सौ नग सोलर पम्प स्थापित किए जा चुके हैं। सहायक अभियंता, क्रेडा श्री कमल पुरैना ने बताया कि इनमें सर्वाधिक जिले के वनांचल क्षेत्र नगरी में साढ़े 950 से अधिक सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में जहां खेतों की सिंचाई के लिए बरसात के पानी के भरोसे ही रहना पड़ता था, वहीं सौर सुजला योजना की वजह से किसानों को अन्य विकसित क्षेत्र के किसानों की तरह कृषि के लिए समान अवसर मिल पाया है। इसका परिणाम यह हुआ कि अब इस वनांचल के किसान दो और तीन स्तर की फसल ले पा रहे हैं। नगरी के ग्राम भैंसमुड़ा में सौर सुजला योजना के पूर्व के चरणों में कुल 16 सोलर पम्प स्थापित किए गए थे, किन्तु सौर सुजला योजना के पांचवें चरण में ही इस ग्राम में 22 सोलर पम्पों की स्थापना हो चुकी है। इसी तरह घटुला, पांडरवाही, जोरातराई इत्यादि ग्रामों के किसान भी सौर सुजला योजना का लाभ लेने आवेदन कृषि विभाग के जरिए क्रेडा में जमा करा रहे हैं। प्रदेश सरकार की महत्ती नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के तहत जिले के गौठान, चारागाहों में अब तक 136 सोलर पम्पों की स्थापना सौर सुजला योजना के तहत की गई है और लगभग 26 अन्य गौठान, चारागाहों में सोलर पम्पों की स्थापना की जा रही है। क्रेडा द्वारा स्थापित इन सोलर पम्पों से वर्मी तैयार करने और गौठान के गौ-धन के पीने के लिए जल की आपूर्ति हो पा रही है।
इसके अलावा क्रेडा की सौर सुजला योजना के अनुदान और आदिवासी विकास विभाग द्वारा देय हितग्राही अंशदान की वित्तीय सहायता से जिले में अब तक 44 कमार किसानों के यहां सोलर पम्प स्थापित किया गया है। सौर सुजला योजना के पांचवें चरण के तहत पांच अन्य कमार किसानों के यहां सोलर पम्प स्थापित किया जा रहा है। इनमें नगरी के आश्रित ग्राम जबर्रा और खरखा के कुल 11 कमार किसानों के यहां कृषि कार्य के लिए सोलर पम्प स्थापना का काम भी शामिल है। यहां के किसान श्री अमर सिंह, श्री तुलुराम, श्री दयालुराम, श्री देवलाल, श्रीमती गंगाबाई, श्री लगनसिंह, श्री निरंजन, श्री सुखदेव और श्री रंजीत इत्यादि कमार परिवारों के यहां सोलर पम्प की स्थापना की गई। इससे यह किसान दो और तीन स्तरीय फसल लेकर आर्थिक रूप से मजबूत हो अपने जीवन स्तर में व्यापक सुधार ला रहे हैं और काफी खुश हैं। जिन किसानों के यहां सोलर पम्प की स्थापना की गई है, उनका कहना है कि पहले बिजली कटौती की वजह से सिंचाई प्रभावित होती थी, पर अब सोलर पम्प के लग जाने से इन समस्याओं का सामना उन्हें नहीं करना पड़ रहा है। सौर सुजला योजना से हो रहे फायदे को देख सोलर पम्पों की स्थापना के लिए कृषि विभाग के जरिए क्रेडा में आवेदन कर रहे हैं। इसके अलावा सामुदायिक सिंचाई योजना के तहत जिले की स्व सहायता समूह की महिलाएं सामुहिक रूप से कृषि कर अपने जीवन स्तर में सुधार कर रहीं हैं। जिले में अब तक ऐसे सभी 21 स्व सहायता समूहों के प्रकरणों पर सामान्य श्रेणी के अनुदान दरों पर सोलर पम्पों की स्थापना की गई है।
ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार की सौर सुजला योजना शुरू होने से पहले सोलर पम्पों पर अनुदान कम होता था, जिसकी वजह से किसान चाहते हुए भी अपने खेतों में सोलर पम्प नहीं लगवा पाते थे। किन्तु अब सौर सुजला योजना के तहत किसा नों को लगभग 90 से 95 प्रतिशत का अनुदान सोलर पम्पों की स्थापना के लिए दी जा रही है। इससे विभिन्न श्रेणी के किसानों को तीन एच.पी. से पांच एच.पी. क्षमता तक के सोलर कृषि पम्प संयंत्रों के लिए केवल7000-20,000 रूपए तक की राशि वहन करनी पड़ती है। इसके अतिरिक्त एक रूपए प्रति वॉट की दर से प्रोसेसिंग शुल्क की राशि किसानों द्वारा वहन किया जाता है। सोलर पम्पों की स्थापना के बाद पांच साल के लिए संयंत्रों की बीमा स्थापनाकर्ता इकाई द्वारा कराया जाता है। इससे यदि किसी कारण से संयंत्र में किसी तरह की चोरी अथवा क्षति जैसी घटनाएं होती हैं, तो उक्त संयंत्र में सुधार के लिए किसी तरह का व्यय किसानों को नहीं करना होता है, बल्कि पूर्व में कराए बीमा के कारण संयंत्र स्थापनाकर्ता इकाईयों द्वारा तत्काल ऐसे संयंत्रों में सुधार कर लिया जाता है। सौर सुजला योजना के शुरू होने से किसान मजबूत हो रहे हैं। यह केवल प्रदेश सरकार की महत्ती सौर सुजला योजना की वजह से संभव हो पा रहा है।

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