रायपुर/31 मार्च 2022। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला.ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की मजदूरी सिर्फ 11 रुपये बढ़ाने को नाकाफी बताये जाने का समर्थन करते हुए कहा है कि राशन सामग्री, रोजमर्रा के उपयोग की घरेलू वस्तुओं के दाम दुगुने से भी अधिक बढ़ गए है। मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में केंद्र सरकार ने मात्र 11 रु बढ़ाया गया है जो नाकाफी तथा देश के गरीबो के साथ अन्याय है। केंद्र द्वारा की गई मात्र 11 रु बढ़ोतरी पर ताली पीटने वाले भाजपा नेताओं से प्रदेश के मजदूर जानना चाहते है मंहगाई के इस जमाने मे 11 रु में गरीब को क्या राहत मिलेगी? यह मोदी सरकार का गरीबों से भद्दा मजाक है? भाजपा नेता गरीबो के साथ हुए अन्याय पर भी ताली बजा रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक छत्तीसगढ़ में रहकर राज्य की गरीब जनता, मजदूरों और किसानों के हक की आवाज उठाने की बजाय दिल्ली के इशारों पर ताली बजाने की राजनीति कर रहे हैं। यदि उनमें छत्तीसगढ़ की माटी के प्रति तनिक भी लगाव है तो छत्तीसगढ़ का रोका गया जीएसटी क्षतिपूर्ति का पैसा एकमुश्त दिलाएं।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरी अपर्याप्त बताया जाना भाजपा नेताओं को रास नहीं आ सकता। गरीबों की हमदर्द कांग्रेस ही इस बेतहाशा महंगाई के दौर में गरीब मजदूरों का दर्द समझ सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मजदूरों को उनके श्रम का उचित पारिश्रमिक दिलाना चाहते हैं और भाजपा नेताओं को मजदूरों के पसीने से बदबू आ रही है। वोट लेने के लिए भाजपा को सबसे पहले यही गरीब श्रमवीर दिखते हैं लेकिन जब मोदी सरकार इनके पेट पर लात मारने की हठधर्मी दिखाती है तो भाजपा के सारे नेता तानाशाही फितरत रखने वाले अपने मालिक के हुक्म के मुताबिक करेले को आम बताने में लग जाते हैं। नेता प्रतिपक्ष कौशिक द्वारा 11 रुपये की बढ़ोतरी का स्वागत और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साय द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मजदूर हितैषी भावना पर आधारहीन विरोध करना यही साबित कर रहा है। केंद्र सरकार हर रोज महंगाई बढ़ा रही है। इसके मुकाबले गरीब जनता को राहत देने के लिए कोई कदम उठाना तो दूर मनरेगा मजदूरों के साथ भी मजाक कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कभी भाजपा नेता राज्य के हितों पर राजस्थान की वकालत करते देखे जाते हैं, तो कभी किसानों की धान खरीदी में बारदाना संकट पैदा करने पर खुश होते हैं, कभी छत्तीसगढ़ के किसानों और खेतिहर मजदूर को न्याय मिलने पर दुखी होते हैं, कभी राज्य के बेघर लोगों को घर मिलने से वंचित किये जाने पर प्रसन्न होते हैं, तो कभी छत्तीसगढ़ का डीएपी, यूरिया कोटा कटने पर इनके चेहरे पर लाली आती है, तो कभी जीएसटी क्षतिपूर्ति की मियाद बढ़ाने की न्यायसंगत मांग उठाये जाने पर इनके हृदय को आघात लगता है। भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ के हितों पर हो रहे कुठाराघात में भागीदारी कर रहे हैं। इनका चरित्र छत्तीसगढ़ की जनता सवा तीन साल से देख रही है। सत्ता में रहते हुए जिस छत्तीसगढ़ को लूटते रहे, उसी छत्तीसगढ़ का विकास और जनता की खुशहाली अब इनसे देखी नहीं जा रही है।