एक करिश्माई मिशन के तहत किम्स कडल्स (KIMS Cuddles) Hospital (हैदराबाद) के डॉक्टरों ने एयरबोर्न रेस्क्यू मिशन के द्वारा छत्तीसगढ़ के लड़के की बचाई जान

आसमान में एडवांस्ड केयर करके मरीज़ के मस्तिष्क की गंभीर स्थिति का किया इलाज

हैदराबाद, 28 अगस्त, 2024: रायपुर, छत्तीसगढ़ का एक 12 वर्षीय लड़का एक दुर्लभ संक्रमण से पीड़ित था, जिसके कारण तेज़ बुखार, दौरे और मस्तिष्क में दबाव जैसे सीवियर सिम्पटम्स पैदा हुए, जिससे अंततः वह अपने अभिभावकों को भी पहचानने में असमर्थ हो गया। शुरुआत में उसे रायपुर के एक लोकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी हालत खराब हो गई, जिसके बाद वहां के डॉक्टरों ने एडवांस्ड केयर के लिए हैदराबाद के कोंडापुर में स्थित किम्स कडल्स (KIMS Cuddles) Hospital से संपर्क किया।

किम्स कडल्स (KIMS Cuddles) में बाल रोग विभाग के क्लिनिकल डायरेक्टर और बाल चिकित्सा आईसीयू के प्रमुख डॉ. पराग डेकाटे ने इस केस के डिटेल्स देते हुए बताया कि, “लड़के को गंभीर बुखार, दौरे पड़ रहे थे और मस्तिष्क पर दबाव बढ़ रहा था। स्थानीय डॉक्टर बेहतर इलाज के लिए हमारे पास आए। हमारे रायपुर पहुंचने पर, दौरे बढ़ने, निम्न रक्तचाप और सांस लेने में कठिनाई के कारण लड़के की हालत और भी खराब हो गई थी। हमने तुरंत उसकी सांस को स्थिर करने के लिए इंट्यूबेटेड किया, मस्तिष्क के दबाव और दौरे को नियंत्रित करने के लिए दवाएं दीं, और फिर उसे एयरलिफ्ट करके हैदराबाद ले जाया गया। हमारे एक बाल चिकित्सा आईसीयू सलाहकार डॉ. तरुण ने कम्प्लीट एयर ट्रांसपोर्ट के दौरान सहायता की। लड़का यहां 9 दिनों तक भर्ती रहा। इस अवधि के दौरान, उसके मस्तिष्क में दबाव बढ़ गया और उसे अधिक दौरे पड़ने लगे, लेकिन हम उचित दवाओं के साथ इन सभी जटिलताओं का इलाज करने में कामयाब रहे। इस संक्रमण को रिकेट्सियल इन्फेक्शन के रूप में जाना जाता है, जो रायपुर क्षेत्र में बेहद दुर्लभ है और इससे मस्तिष्क में बाधा उत्पन्न होती है इस स्थिति को MERS कहा जाता है।
इसके अलावा लड़के के लीवर और किडनी में भी समस्या हो गई, जिसका हमने सफलतापूर्वक इलाज किया। उनके इलाज के चौथे दिन, हमने उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया, और नौवें दिन तक, वह पूरी तरह से ठीक हो गया और उसे छुट्टी दे दी गई।”
डॉ. अविनाश और डॉ. कल्याण (पीडियाट्रिक इंटेंसिविस्ट) ने देश के किसी भी हिस्से से गंभीर मामलों को संभालने के लिए किम्स कडल्स (KIMS Cuddles) की क्षमता पर जोर दिया, खासकर जहां एडवांस्ड मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकती हैं।

इस मिशन में प्रबंधन मल्टीस्पेशलिटी टीम द्वारा संयुक्त रूप से सहयोग किया गया था जिसमें डॉ. प्रभजोत/डॉ.जयंत कृष्णा (बाल न्यूरोलॉजिस्ट), डॉ. पांडु (बाल चिकित्सा गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट) डॉ. मौनिका (बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी), डॉ. प्रतीक वाई पाटिल (संक्रामक रोग) शामिल थे।

“एयर एम्बुलेंस महंगी हो सकती हैं, लेकिन जीवन से अधिक मूल्यवान कुछ भी नहीं है। रोगियों को समय पर और इफेक्टिव ट्रीटमेंट के लिए आवश्यक सुविधाओं वाले केंद्रों में स्थानांतरित करना महत्वपूर्ण है। यह हमारा दूसरा मामला था जहां हमने हवाई मार्ग से गंभीर रूप से बीमार बच्चे का सफलतापूर्वक इलाज किया था, इससे पहले एक बच्चा जिसे ट्रांजिट के दौरान ईसीएमओ (ECMO) सहायता की आवश्यकता थी। हाल ही में हमने दुनिया में सबसे लंबे रोड ईसीएमओ (ECMO) ट्रांसपोर्ट में से एक किया है, जिसमें नागपुर से ईसीएमओ (ECMO) पर 9 घंटे की रोड ट्रांसपोर्ट की आवश्यकता होती है, यह सड़क पर एडवांस्ड एक्स्ट्राकोर्पोरियल यूनिट बनाने जैसा है। डॉ. पराग डेकाटे ने निष्कर्ष निकाला कि, ” किम्स कडल्स (KIMS Cuddles) के पास इस तरह के जटिल मामलों को सफलतापूर्वक संपादित करने की क्षमता है।”

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