नारायणपुर
आज से शुरू माता मावली मड़ई-मेला
देखने मिलेगी स्थानीय लोक नर्तक दलों की आकर्षक प्रस्तुतियां
विभिन्न विभागों के लगेंगे प्रदर्शनी स्टॉल
नारायणपुर 18 फरवरी 2020 – माह के पहले शुक्रवार कोे कोकोड़ी में राजटेका मंदिर में अनुमति मिलने के बाद माता मावली मड़ई- मेले की शुरूआत हो गई। नारायणपुर की ऐतिहासिक मावली मड़ई कल बुधवार 19 फरवरी से शुरू होगा, जो करीब एक सप्ताह तक चलेगा। मेले में विभिन्न विभागों जनसंपर्क, आदिमजाति, महिला बाल विकास, कृषि, उद्यानिकी, स्वास्थ्य, बांस शिल्प, कौशल विकास, आदि विभागों की योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनियां भी देखने को मिलेगी। जिला प्रशासन के तय कार्यक्रम अनुसार उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। वे माता मावली मड़ई-मेले का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता बस्तर लोकसभा सांसद श्री दीपक बैज करेंगे। माता मावली मड़ई-मेले का समापन रविवार 23 फरवरी को जिला प्रभारी मंत्री श्री गुरू रूद्र कुमार के मुख्य आतिथ्य में होगा। समापन समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक चंदन कश्यप करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में 19 फरवरी को दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक देवी पूजन, मिलन समारोह और देव विदाई होगी। वहीं सांय 7 बजे स्थानीय लोक नर्तक दलों की प्रस्तुतियां होगी। 20 फरवरी को रात्रि 8 बजे से राजधानी रायपुर की लोक संध्या कार्यक्रमकी प्रस्तुति होगी। 21 फरवरी को स्थानीय कलाकारों और जगदलपुर की रास परब की प्रस्तुतियां होंगी। 22 फरवरी को कोण्डागांव के बस्तर संस्कृति लोकरंग ग्रुप मंच पर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। मावली मड़ई के समापन के दिन राजधानी रायपुर के छत्तीसगढ़ फोक बैंड की छटा देखने को मिलेगी। यह सभी कार्यक्रम शाम 7 बजे से आयोजित होंगे। माता मावली मेला समूचे बस्तर में प्रसिद्ध है। मालवी मड़ई में अंचल के आदिवासियों की लोक कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। क्षेत्र के लोग पूरी आस्था के साथ अपनी और आंगादेव के साथ सहभागिता निभाते हैं। ऐतिहासिक मावली मड़ई की ख्याति का आलम यह है कि केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक फैली हुई है। मावली मड़ई को देखने के लिए न केवल देश के विभिन्न प्रदेशों से लोग आते है।
जिला प्रशासन द्वारा मां मावली मंड़ई मेला की सभी तैयारियां पूरी कर ली है। कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा के नेतृत्व में सारी व्यवस्थाओं के लिए जिले के अधिकारी-कर्मचारी को दायित्व सौंपा गया है। कड़ी सुरक्षा के बीच कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। मेला की समाप्ति पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गये है। मेले में होेने वाले प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच भी बनाया गया है। मावली मड़ई बहुत प्राचीन काल से लगातार भरता आ रहा है। किवदंतियों के अनुसार यह मड़ई आज से लगभग 800 वर्ष पूर्व से भी अधिक समय से आयोजित हो रहा है।